सोशल मीडिया का असर हमारे बच्चों पर देखने को मिल रहा है. आमतौर पर आपने देखा होगा कि छोटे बच्चे और टोडलर्स भी अपने पेरेंट्स या माता-पिता से मेकअप और स्किनकेयर प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल के लिए जिद करते हैं और नए-नए प्रोडक्ट्स मंगवाने की मांग करते हैं. ये बातें छोटे बच्चों और टोडलर्स के बीच स्किनकेयर और मेकअप करने के बढ़ते क्रेज को दर्शाती हैं.
सोशल मीडिया का असर हमारे बच्चों पर देखने को मिल रहा है. आमतौर पर आपने देखा होगा कि छोटे बच्चे और टोडलर्स भी अपने पेरेंट्स या माता-पिता से मेकअप और स्किनकेयर प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल के लिए जिद करते हैं और नए-नए प्रोडक्ट्स मंगवाने की मांग करते हैं. ये बातें छोटे बच्चों और टोडलर्स के बीच स्किनकेयर और मेकअप करने के बढ़ते क्रेज को दर्शाती हैं.
छोटे बच्चों में स्किनकेयर करने के बढ़ते चलन का सबसे बड़ा कारण सोशल मीडिया पर बच्चों की आसान पहुंच है, जिसकी वजह से वैश्विक ब्यूटी मार्केट में 1.5 बिलियन डॉलर की वार्षिक वृद्धि देखने को मिली है, जो किसी अजूबे से कम नहीं है. भारत में ये चलन तेजी से बढ़ रही है.
छोटे बच्चों और टोडलर्स में स्किनकेयर के बढ़ते चलन को लेकर मनोवैज्ञानिकों का कहना है कि सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म्स और उन पर मौजूद वीडियो का प्रभाव सीधे बच्चों पर पड़ रहा है, क्योंकि बच्चों को बहुत आसानी से मेकअप और कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स मिल जाते हैं और वे अपने पेरेंट्स को इन प्रोडक्ट्स और स्किनकेयर रूटीन को फॉलो करते हुए देखते हैं. विशेषज्ञों के अनुसार, सोशल मीडिया के बढ़ते प्रभाव की वजह से बचपन और जवानी के बीच जो रेखा थी, वह धीरे-धीरे खत्म होती जा रही है. इसका असर छोटे बच्चों की मानसिकता पर भी पड़ रहा है, क्योंकि अब बच्चे भी अपनी अहमियत को दूसरों द्वारा की गई तारीफों से आंकने लगे हैं.
मनोवैज्ञानिक डॉक्टरों ने पेरेंट्स को इस मुद्दे प्यार से काम करने के लिए कहा है . अगर आपका बच्चा स्किनकेयर या ब्यूटी प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करने की जिद करता है, तो उसे डांटने या सख्ती करने के बजाय प्यार से समझाने की सलाह दी गई है, क्योंकि अगर पेरेंट्स बच्चों पर सख्ती करेंगे, तो स्वाभाविक रूप से बच्चे उसी काम को करने की जिद करेंगे. डॉक्टरों ने माता-पिता को यह भी राय दी है कि बच्चों को ब्यूटी प्रोडक्ट्स के इस्तेमाल की बजाय फेसवॉश और मॉइस्चराइजर के उपयोग की इजाजत दें और उन्हें मेकअप करने के बजाय शरीर की स्वच्छता और बुनियादी स्किनकेयर पर ध्यान देना सिखाएं.
आज के समय में बच्चों को भी ‘ग्लास स्किन’ चाहिए और वे अपने पेरेंट्स से महंगे से महंगे कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स खरीदने की जिद करते हैं. इसी बढ़ती मांग को देखते हुए ‘ग्लोबल कॉस्मेटिक इंडस्ट्री रिपोर्ट’ के अनुसार बच्चों का स्किनकेयर मार्केट सालाना 1.5 बिलियन डॉलर से अधिक की कमाई कर रहा है. भारत में ही करीब 6 कंपनियां ऐसी हैं, जो बच्चों के लिए कॉस्मेटिक प्रोडक्ट्स का निर्माण कर रही हैं और उन्हें बाजार में उतार रही हैं. अगर आप ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म पर देखें, तो कम से कम 60 से ज्यादा ऐसे प्रोडक्ट्स बेचे जा रहे हैं, जो सिर्फ बच्चों के स्किनकेयर के लिए हैं.pschylological