मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे लिखा कि, जो सरकार बिना धांधली के एक देशव्यापी परीक्षा नहीं करा सकती, उसके मुखिया द्वारा छात्रों को "परीक्षा" पर ज्ञान की वर्षा, बेईमानी है! झूठे वादों से करोड़ों युवाओं को बेरोज़गारी के दलदल में धकेलकर, मोदी जी, क़ैमरे की छाया में, बीते दिन यूनिवर्सिटी घूम रहे थे! "पहली नौकरी पक्की", "आरक्षण का अधिकार" व "पेपर लीक से मुक्ति" का हमारा एजेंडा हम कायम रखेंगे। युवाओं के अधिकारों के लिए सड़क से संसद तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।
नई दिल्ली। कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने कहा कि, जो सरकार बिना धांधली के एक देशव्यापी परीक्षा नहीं करा सकती, उसके मुखिया द्वारा छात्रों को “परीक्षा” पर ज्ञान की वर्षा, बेईमानी है। दरअसल, शिक्षा मंत्रालय ने बीती रात UGC NET जून 2024 को रद्द करने का फैसला कर लिया। परीक्षा में सामने आई अनियमितता की वजह से परीक्षा रद्द कर दिया गया। अब ये परीक्षा दोबारा होगी।
इसको लेकर कांग्रेस अध्यक्ष ने एक्स पर लिखा कि, ये कैसी “परीक्षा पे चर्चा”, जहां रोज़ाना लीक होता पर्चा! मोदी सरकार ने देश की शिक्षा व भर्ती प्रणाली को तहस-नहस कैसे किया है-NEET, UGC-NET, CUET (Common University Entrance Test) में पेपर लीक, धांधली और घोर अनियमितताओं का अब पर्दाफ़ाश हो चुका है। बहुप्रचारित NRA-National Recruitment Agency पूर्णतः निष्क्रिय है।
साथ ही लिखा कि, अगस्त 2020 में मोदी जी ने बड़े जोर-शोर से NRA की घोषणा की थी। ज़बरदस्त ढिंढ़ोरा पीटकर उन्होंने बोला था-“NRA करोड़ों युवाओं के लिए वरदान साबित होगी। सामान्य पात्रता परीक्षा के माध्यम से, यह कई परीक्षाओं को समाप्त कर देगा और कीमती समय के साथ-साथ संसाधनों की भी बचत करेगा। इससे पारदर्शिता को भी बड़ा बढ़ावा मिलेगा”। उन्होंने आगे लिखा कि, सरकारी नौकरियों के लिए मोदी सरकार ने दावा किया था कि NRA सभी नौकरियों के लिए एक ही भर्ती परीक्षा करवाएगी। 4 वर्ष बीत गए हैं, National Recruitment Agency (NRA) ने अब तक एक भी परीक्षा नहीं करवाई। 3 वर्षों के लिए NRA को ₹1,517.57 करोड़ का फंड मुहैया कराया गया। लेकिन दिसंबर 2022 तक केवल ₹20 करोड़ ही ख़र्च किया गया। जब-जब संसद में विपक्ष ने जवाब मांगा, तो मोदी सरकार टाल-मटोल और बहानेबाज़ी करती गई।
NRA को केवल निचले स्तर पर अभ्यर्थियों की छटनी करने के लिए एक एजेंसी मात्र बना दिया गया, बल्कि उसको भर्ती परीक्षा की एकमात्र एजेंसी बनना था। 30 लाख सरकारी नौकरियां खाली हैं। इन्हें न भरकर मोदी सरकार द्वारा SC, ST, OBC व EWS युवाओं से आरक्षण का अधिकार छीनने की योजनाबद्ध साज़िश रची गई है। NCERT की पुस्तकों में वैज्ञानिक सोच को बढ़ावा न देकर उसे राजनीतिक रंग दिया जा रहा है। UGC, CBSE, IIT, IIM जैसी संस्थानों की स्वायत्तता को ख़त्म किया गया है। RTI के मुताबिक़ पीएम मोदी के “परीक्षा पे चर्चा” के खर्च में 6 वर्षों में 175% का उछाल आया है।
मल्लिकार्जुन खरगे ने आगे लिखा कि, जो सरकार बिना धांधली के एक देशव्यापी परीक्षा नहीं करा सकती, उसके मुखिया द्वारा छात्रों को “परीक्षा” पर ज्ञान की वर्षा, बेईमानी है! झूठे वादों से करोड़ों युवाओं को बेरोज़गारी के दलदल में धकेलकर, मोदी जी, क़ैमरे की छाया में, बीते दिन यूनिवर्सिटी घूम रहे थे! “पहली नौकरी पक्की”, “आरक्षण का अधिकार” व “पेपर लीक से मुक्ति” का हमारा एजेंडा हम कायम रखेंगे। युवाओं के अधिकारों के लिए सड़क से संसद तक हमारा संघर्ष जारी रहेगा।