हर चुनाव में जिस गठबंधन या दल को सुरक्षित श्रेणी की सीटों पर सर्वाधिक सफलता मिलती है, सरकार उसी की बनती है। विधानसभा के पहले चुनाव से लेकर अब तक का यही रिकॉर्ड रहा है। पिछले तीन चुनावों का आकलन करें तो स्थिति स्पष्ट हो जाती है2010 में एनडीए के प्रति लहर थी। तब सभी सुरक्षित सीटों पर एनडीए के प्रत्याशियों की जीत हुई थी। 2010 में एनडीए को आरक्षित श्रेणी की सीटों पर बढ़त मिली थी। तब बीजेपी और जेडीयू को 20 -20 सीटे मिली थी।
हर चुनाव में जिस गठबंधन या दल को सुरक्षित श्रेणी की सीटों पर सर्वाधिक सफलता मिलती है, सरकार उसी की बनती है। विधानसभा के पहले चुनाव से लेकर अब तक का यही रिकॉर्ड रहा है। पिछले तीन चुनावों का आकलन करें तो स्थिति स्पष्ट हो जाती है2010 में एनडीए के प्रति लहर थी। तब सभी सुरक्षित सीटों पर एनडीए के प्रत्याशियों की जीत हुई थी। 2010 में एनडीए को आरक्षित श्रेणी की सीटों पर बढ़त मिली थी। तब बीजेपी और जेडीयू को 20 -20 सीटे मिली थी।
2015 में जदयू महागठबंधन का हिस्सा रहा। तब महागठंधन ने बंपर बहुमत के साथ सरकार बनाई थी। उसे बिहार की कुल 243 में से 178 सीटों पर जीत मिली थी। तब उसकी जीत में इस श्रेणी की सीटों का अमूल्य योगदान रहा। विधानसभा में इस श्रेणी की 40 सीटें हैं।उनमें 38 अनुसूचित जाति के लिए और दो अनुसूचित जनजाति के लिए आरक्षित हैं। 2020 के चुनाव में एनडीए ने बहुमत के आधार पर पुनर्वापसी की। तब इस श्रेणी की सीटों ने उसकी जीत में महत्वपूर्ण योगदान दिया।
2020 में भाजपा 11, जदयू सात पर, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा (हम) तीन और विकासशील इंसान पार्टी ने एक सीट जीती। महागठबंधन में राजद नौ, कांग्रेस पांच सीटों पर जीत दर्ज की । तब इस श्रेणी की सीटों पर भाजपा ने 16, जदयू ने 15, हिंदुस्तानी अवाम मोर्चा ने तीन, विकासशील इंसान पार्टी ने एक प्रत्याशी दिए थे। महागठबंधन में राजद द्वारा 19 और कांग्रेस द्वारा 14 प्रत्याशी उतारे गए थे।
2025 में एनडीए में जदयू ने 15, भाजपा ने 13, लोजपा-रामविलास ने आठ, हम ने चार, जबकि महागठबंधन में राजद ने 20, कांग्रेस ने 11, माले ने छह, भाकपा, माकपा और वीआइपी ने इस श्रेणी की एक-एक सीट पर प्रत्याशी दिए थे। जदयू को 14, भाजपा को 12, लोजपा-रामविलास को पांच, हम को चार सीटों पर सफलता मिली है। राजद को चार, कांग्रेस के खाते में एक सीट आई है।
सुरक्षित सीटों पर NDA का जलवा कायम जदयू धोरैया, राजगीर, फुलवारी, मसौढ़ी, राजपुर, त्रिवेणीगंज, सिंहेश्वर, सोनबरसा, कुशेश्वरस्थान, सकरा, भोरे, राजापाकड़, कल्याणपुर, अलौली