अधिकतर घरों में लंच में दाल चावल खाना पसंद किया जाता है। चावल को पकाने से पहले भिगोया भी जाता है। ताकि चावल जल्दी और खिला खिला पके। पर क्या आप जानते है पकाने से पहले चावल को भिगोने से क्या फायदे होते है।
Benefits of soaking and cooking rice: अधिकतर घरों में लंच में दाल चावल खाना पसंद किया जाता है। चावल को पकाने से पहले भिगोया भी जाता है। ताकि चावल जल्दी और खिला खिला पके। पर क्या आप जानते है पकाने से पहले चावल को भिगोने से क्या फायदे होते है। मैक्रोन्यूट्रिएंट्स पर किए गए अध्ययनों के अनुसार ट्रिप्टोफैन एक एमिनो एसिड है जो न्यूरोट्रांसमीटर के लिए जरुरी है और सेरोटोनिन और मेलाटोनिन के रिलीज के लिए अग्रदूत है।
ग्साइसेमिक इंडेक्स में उच्च खाद्य पदार्थ हमारे शरीर में ट्रिप्ट्रोफैन के अनुपात को रक्त में बड़ी संख्या में तटस्थ अमीनो एसिड के अनुपात में बढ़ाते है। ग्लूकोज में वृद्धि अग्न्याशय से इंसुलिन के स्राव को ट्रिगर करती है, मस्तिष्क में ट्रिप्टोफैन के परिवहन में मदद करती है और नींद को बढ़ावा देती है।
चावल के एंजाइमैटिक ब्रेकडाउन से फाइटिक एसिड और टैनिन जैसे एंटीन्यूट्रिएंट्स ब्रेक हो जाते हैं और इससे बॉडी को विटामिन और मिनरल्स मिलते हैं। विशेषज्ञों के अनुसार ये चावल को भिगोने पोषक तत्व अवशोषण में सुधार होता है।
चावल में स्वाभाविक रूप से आर्सेनिक नामक एक रसायन पाया जाता है। यदि हम चावल को सीधा पकाकर खाएं तो आर्सेनिक हमारे शरीर को नुकसान पहुंचा सकता है, लेकिन अगर हम चावल को 3-4 घंटे पानी में भिगोकर रख दें, तो आर्सेनिक की मात्रा कम हो जाती है। साथ ही, भिगोने से चावल में मौजूद विटामिन्स व खनिज पदार्थ भी अधिक सक्रिय हो जाते हैं। ये हमारे शरीर को स्वस्थ रखने में मदद करते हैं। भिगोया हुआ चावल हमारी पाचन क्रिया को भी बेहतर बनाता है।