सुप्रीम कोर्ट में आज सबसे अहम मुद्दे को लेकर सुनवाई की जाएगी। बिहार में सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) को लेकर लगातार विवाद जारी है। इसे लेकर कई जगह सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं जिसे लेकर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दौरान बिहार में एसआईआर का आगे का भविष्य तय हो सकता है। इससे पहले इस याचिका में तर्क दिया गया है कि एसआईआर प्रक्रिया से बड़े पैमाने पर मतदाता मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। SIR के अलावा आज कई और सुनवाई किया जाएग।
सुप्रीम कोर्ट में आज सबसे अहम मुद्दे को लेकर सुनवाई की जाएगी। बिहार में सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण (SIR) को लेकर लगातार विवाद जारी है। इसे लेकर कई जगह सड़कों पर प्रदर्शन हो रहे हैं। इसपर आज सुप्रीम कोर्ट अपना फैसला सुनाएगा।सुप्रीम कोर्ट के फैसले के दौरान बिहार में एसआईआर का आगे का भविष्य तय हो सकता है। इससे पहले इस याचिका में तर्क दिया गया है कि एसआईआर प्रक्रिया से बड़े पैमाने पर मतदाता मताधिकार से वंचित हो जाएंगे। SIR के अलावा आज कई और सुनवाई किया जाएग।
इन मामलों पर होगी सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में आज बिहार में विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण के अलावा आवास में नगदी मिलने के आरोपों में घिरे इलाहाबाद हाई कोर्ट के न्यायाधीश यशवंत वर्मा की उन्हें दोषी ठहराने वाली आंतरिक कमेटी की रिपोर्ट को चुनौती देने वाली याचिका पर भी कोर्ट में सुनवाई होनी है।
BS VI मानक वाले वाहनों से जुड़े एक मामले पर भी आज सुनवाई
सुप्रीम कोर्ट में होने वाली सभी सुनवाई बड़ी और बहुत ज़रूरी है। इसी तरह के आज कई मुददे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में आज सुनवाई होगी, जो जनता से सीधे तालुक रखते हैं। आज एक मामले की सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय बीएस 6 वाहन की उम्र सीमा तय कर सकता है।
SIR से जुड़े मामले की सुनवाई पर सबकी नजर
बिहार में विशेष सघन मतदाता सूची पुनरीक्षण को लेकर होने वाली सुनवाई पर सबकी नजर टिकी हुई है। ऐसा इसलिए क्योंकि इससे पहले हुई सुनवाई के दौरान शीर्ष न्यायालय ने एसआईआर पर रोक लगाने से इनकार कर दिया था। सुनवाई के दौरान कोर्ट ने माना था कि चुनाव आयोग को एसआईआर का पूरा अधिकार है।सुनवाई के दौरान कोर्ट ने SIR के समय को लेकर जरूर किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने एक टिप्पणी करते हुए कहा था कि यह मसला लोकतंत्र के मूल और मतदान के अधिकार से जुड़ा हुआ है। वहीं, शीर्ष न्यायालय ने पिछली सुनवाई के दौरान वोटर लिस्ट में शामिल होने के लिए निर्धारित 11 दस्तावेजों की सूची को लेकर चुनाव आयोग से सवाल किए थे। सुप्रीम कोर्ट ने आधार कार्ड व चुनाव आयोग द्वारा जारी मतदाता पहचान पत्र को निर्धारित लिस्ट में ना शामिल किए जाने को लेकर भी सवाल खड़े किए थे।