सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार पर जमकर बरसे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, ये चुनाव 2024 का बहुत अलग चुनाव होता जा रहा है, इस चुनाव में देखने को मिल रहा है हर सीमाएं जनता ने तोड़ दी हैं और पूरे तरीके से INDIA गठबंधन के समर्थन में निकल रही है।
Lok Sabha Elections 2024: सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव डुमरियागंज, सिद्धार्थनगर में चुनावी जनसभा को संबोधित करते हुए भाजपा सरकार पर जमकर बरसे। इस दौरान उन्होंने कहा कि, ये चुनाव 2024 का बहुत अलग चुनाव होता जा रहा है, इस चुनाव में देखने को मिल रहा है हर सीमाएं जनता ने तोड़ दी हैं और पूरे तरीके से INDIA गठबंधन के समर्थन में निकल रही है।
उन्होंने आगे कहा कि, ये लोकतंत्र का विशेष चुनाव है, याद रखना जिस तरीके से समुद्र मंथन हुआ था उसी तरीके से यह संविधान मंथन का चुनाव है। एक तरफ वो लोग हैं जो संविधान को बदलना चाहते हैं तो दूसरी तरफ वो लोग हैं जो संविधान को बचाना चाहते हैं। साथ ही कहा, बदलाव आ रहा है, सरकार तो बदलेगी ही बदलेगी, इनका मंत्रिमंडल भी बदलेगा। इसके साथ साथ मीडिया मंडल भी बदलेगा।
अखिलेश यादव ने आगे कहा कि, दस साल में बीजेपी की सरकार ने 25 लाख करोड़ रुपए उद्योपतियों के माफ किए हैं लेकिन हमारे गरीब किसानों का जो कर्ज है लाखों का वो माफ नहीं किया गया। INDIA गठबंधन की सरकार बनते ही किसानों का कर्ज माफ होगा और किसानों को एमएसपी का कानूनी अधिकार मिलेगा। साथ ही कहा, इस सरकार में जितनी भी परीक्षाएं हुईं, सबका पेपर लीक हो गया। 10 से ज्यादा परीक्षाओं का पेपर लीक हुए हैं। हाल ही में पुलिस की परीक्षा कराई उसका भी पेपर लीक हो गया।
साथ ही कहा, दिल्ली में सरकार बनने जा रही है, 30 लाख नौकरियां खाली हैं, अपने नौजवानों को 30 लाख नौकरियां आरक्षण का पालन करते हुए दिलाएंगे और अग्निवीर की व्यवस्था को भी खत्म करने का काम करेंगे। वो संविधान बदलना चाहते हैं, हर व्यवस्था बदलना चाहते हैं, इसलिए नारा दे रहे हैं 4 सौ पार , लेकिन जनता इस बार उन्हें हराएगी। इस बार देश की 140 करोड़ जनता इनको 140 सीटों के लिए तरसा देगी।
उन्होंने कहा, एक दल है जिसका एक विधायक गलती से जीत गया है, उन्होंने अंदर ही अंदर बीजेपी से हाथ मिला लिया है। बहुजन समाज के लोगों से अपील है ये लोग संविधान को बदलकर हक छिनना चाहते हैं, इसलिए चुनाव में वोट करते समय बाबा साहब भीमराव अंबेडकर के संविधान को बचाने का काम करना।