अखिलेश यादव ने कहा, मीरापुर में पीडीए की एकजुटता और ताकत से भाजपा और उनके सहयोगी घबराये हुए हैं। घबराकर नकारात्मक नारा दे रहे हैं। उस नारे को लेकर भाजपा की डबल इंजन सरकार आपस में टकरा रही है।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष एवं पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव ने मीरापुर विधानसभा उपचुनाव में समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन की प्रत्याशी सुम्बुल राणा के समर्थन में जनसभा को सम्बोधित किया। उन्होंने सुम्बुल राणा को भारी मतों से जिताने की अपील की।
अखिलेश यादव ने कहा, मीरापुर में पीडीए की एकजुटता और ताकत से भाजपा और उनके सहयोगी घबराये हुए हैं। घबराकर नकारात्मक नारा दे रहे हैं। उस नारे को लेकर भाजपा की डबल इंजन सरकार आपस में टकरा रही है। अब तो उस नारे से भाजपा के कई नेता भी किनारा कर रहे हैं। भाजपा सरकार ने किसानों से झूठे वादे किए। किसानों को धोखा दिया।
साथ ही कहा, किसान नेताओं को याद करते हुए कहा कि चौधरी चरण सिंह साहब ने किसानों को एकजुट कर भाईचारा बनाने का काम किया था और किसानों की ताकत बनाई थी। मीरापुर के विधानसभा उपचुनाव में वही भाईचारा और एकजुटता दिखाई देगी और किसान अपने हक को लेकर लड़ेगा। सभी लोग एकजुट होकर भाजपा के एनडीए को हराएंगे। भाजपा किसानों की डीएपी भी नहीं दे रही है। परेशान कर रही है। पहले खाद की बोरी से चोरी होती थी अब तो पूरी बोरी ही गायब कर दे रहे है।
यह सिर्फ उपचुनाव नहीं है। यह उपचुनाव आने वाले चुनाव का रुख तय करेगा। यह भविष्य का चुनाव है। उन्होंने कहा कि भाजपा सरकार गन्ने की सही कीमत नहीं दे रही है। जो लोग गन्ना किसानों के लिए 400रू0 प्रति कुन्टल दर की मांग कर रहे थे अब चुप है। सरकार गन्ने की कीमत नहीं तय कर रही है। समाजवादी सरकार में मुजफ्फरनगर में किसानों के लिए बिजली का फीडर अलग करने का काम किया गया था। भाजपा सरकार ने बिजली महंगी कर दी। उपचुनाव में समाजवादी पार्टी सौ में सौ प्रतिशत चुनाव जीत रही है। सभी नौ-की-नौ सीटे जीत रही है।
अखिलेश यादव ने कहा, जो लोग अपने नारों से समाज में बारूद बिछा रहे हैं, महाराष्ट्र चुनाव बाद उनकी कुर्सी छिन जाएगी, उनके लोग ही उनकी कुर्सी तक सुरंग बिछा रहे हैं। भाजपा सरकार ने महंगाई बढ़ा दी है। ये किसान, नौजवान विरोधी सरकार है। इसने पीडीए का आरक्षण छीना है। हमें भरोसा है, सभी लोग मिलकर समाजवादी पार्टी इंडिया गठबंधन प्रत्याशी सुम्बुल राणा को ऐतिहासिक वोटों से जिताएंगे।