उदयपुर हत्याकांड में पाक का 'नापाक कनेक्शन' सामने आया है। इस हत्याकांड के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश की बात भी सामने आ रही है। नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के बाद आतंकवादी संगठन अलकायदा भी धमकी दे चुका है। मिली जानकारी के अनुसार कन्हैया लाल का गला काटने वाले दोनों आरोपी पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी संगठन के सदस्य थे।
नई दिल्ली। उदयपुर हत्याकांड में पाक का ‘नापाक कनेक्शन’ सामने आया है। इस हत्याकांड के पीछे अंतरराष्ट्रीय साजिश की बात भी सामने आ रही है। नुपुर शर्मा की पैगंबर मोहम्मद पर टिप्पणी के बाद आतंकवादी संगठन अलकायदा भी धमकी दे चुका है। मिली जानकारी के अनुसार कन्हैया लाल का गला काटने वाले दोनों आरोपी पाकिस्तान के दावत-ए-इस्लामी (Dawat-e-Islami) संगठन के सदस्य थे।
बता दें कि यह संगठन 100 से ज्यादा देशों में सक्रिय है। यह इस्लाम के प्रचार-प्रसार के लिए कई तरह के ऑनलाइन कोर्स भी चला रहा है। मिली जानकारी के अनुसार इससे पहले भारत में इस इस्लामी संगठन पर धर्मांतरण के भी आरोप लग चुके हैं। ऐसी भी खबरें हैं कि इस संगठन द्वारा जगह-जगह पर दान पेटियां रखता है। आरोप है इनके माध्यम से आने वाले धन को गलत गतिविधियों में इस्तेमाल किया जाता है।
जानें क्या है दावत-ए-इस्लामी?
दावत-ए-इस्लामी (Dawat-e-Islami) खुद को गैर राजनीतिक इस्लामी संगठन करार देता है। इस संगठन की स्थापना 1981 में कराची में हुई थी। मौलाना अबू बिलाल मुहम्मद इलियास ने इस इस्लामिक संगठन की स्थापना की थी। भारत में यह संगठन पिछले चार दशकों से सक्रिय है। इस संगठन का मूल उद्देश्य शरिया कानून का प्रचार-प्रसार करना और उसकी शिक्षा को लागू करना है। इस समय यह संगठन करीब 100 से ज्यादा देशों में अपना नेटवर्क फैला चुका है।
दावत-ए-इस्लामी की अपनी खुद की है वेबसाइट , 32 ऑनलाइन कोर्स चला रहा है?
दावत-ए-इस्लामी (Dawat-e-Islami) की अपनी खुद की वेबसाइट है। वेबसाइट के माध्यम से यह इस्लामिक संगठन कट्टर मुसलमान बनने के लिए शरिया कानून के तहत इस्लामी शिक्षाओं का ऑनलाइन प्रचार-प्रसार कर रहा है। करीब 32 तरह के इस्लामी कोर्स इसकी वेबसाइट पर उपलब्ध हैं। महिलाओं व पुरुषों दोनों के लिए अलग-अलग तरह के कोर्स हैं। इसके अलावा यह संगठन कुरान पढ़ने और मुसलमानों को हर तरीके से शरिया कानून के लिए तैयार करता है।
जिहादी बनने की दी जाती है स्पेशल ट्रेनिंग
दावत-ए-इस्माली (Dawat-e-Islami) संगठन पर कई बार धर्मांतरण के आरोप भी लगे हैं। यह संगठन अपनी वेबसइट पर एक न्यू मुस्लिम कोर्स भी संचालित करता है। यह कोर्स भी पूरी तरह से ऑनलाइन है। इसका उद्देश्य धर्मांतरण कर नए-नए मुसलमानों को इस्लामी शिक्षाओं से रूबरू कराना है। इस कोर्स के माध्यम से धर्मांतरण करने वालों को जिहादी बनने की स्पेशल ट्रेनिंग दी जाती है।
ऑनलाइन कोर्स से जुड़े थे दोनों आरोपी
मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया जा रहा है कि उदयपुर में कन्हैयालाल की हत्या करने वाले दोनों आरोपी मोहम्मद रियाज और गौस मोहम्मद ‘दावत-ए-इस्लामी’ (Dawat-e-Islami) नाम के संगठन से जुड़े हुए हैं। ये दोनों इस्लामी संस्था के ऑनलाइन कोर्स से जुड़े हुए हैं। हत्या के बाद दोनों आरोपी अजमेर दरगाह जियारत के लिए जाने वाले थे। दरअसल, यह संगठन दुनिया भर में सुन्नी कट्टरपंथ को बढ़ावा देता है।
एनआईए और एसआईटी करेगी जांच
हत्या की जांच करने के लिए राज्य सरकार ने एसआईटी का गठन किया। एसआईटी टीम उदयपुर पहुंच गई है। इस हत्याकांड की जांच एनआईए भी करेगी। एनआईए की टीम भी आज उदयपुर पहुंचेगी।