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महाराष्ट्र की अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट पर उद्धव ठाकरे गुट की कैंडिडेट रुतुजा लटके का निर्विरोध निर्वाचन तय

महाराष्ट्र (Maharashtra) की अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट (Andheri East Assembly Seat)से भाजपा (BJP)ने अपने उम्मीदवार मुरजी पटेल का नाम वापस ले लिया है। इसके बाद अब शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray Faction)की कैंडिडेट रुतुजा लटके (Rutuja Latke) का निर्विरोध निर्वाचन (Unopposed Election) तय हो गया है। रुतुजा के पति रमेश लटके (Ramesh Latke) इस सीट से विधायक थे।

By संतोष सिंह 
Updated Date

मुंबई। महाराष्ट्र (Maharashtra) की अंधेरी पूर्व विधानसभा सीट (Andheri East Assembly Seat)से भाजपा (BJP)ने अपने उम्मीदवार मुरजी पटेल का नाम वापस ले लिया है। इसके बाद अब शिवसेना के उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray Faction)की कैंडिडेट रुतुजा लटके (Rutuja Latke) का निर्विरोध निर्वाचन (Unopposed Election) तय हो गया है। रुतुजा के पति रमेश लटके (Ramesh Latke) इस सीट से विधायक थे। उनके निधन के बाद यह सीट खाली हुई है। इसी के चलते यहां उपचुनाव हो रहा है। ऐसे में एनसीपी (NCP), राज ठाकरे (Raj Thackeray) और एकनाथ शिंदे गुट (Eknath Shinde faction) की ओर अपील की गई थी कि भाजपा अपना कैंडिडेट वापस ले ले। राज ठाकरे की अपील पर भाजपा (BJP)की ओर से इस बात के संकेत भी दिए गए थे कि नाम वापस ले लिया जाएगा।

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राज ठाकरे (Raj Thackeray) ने रविवार को देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis)  को चिट्ठी लिखकर कैंडिडेट मुरजी पटेल का नाम वापस लेने की सलाह दी थी। इसके बाद एनसीपी (NCP) के मुखिया शरद पवार ने भी भाजपा से ऐसी ही अपील की थी। यही नहीं बाद में एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde)  गुट के विधायक प्रताप सरनाईक ने भी ऐसी ही मांग की थी। उन्होंने एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde)  को पत्र लिखकर कहा था कि वह भाजपा से अपील करें कि अपना कैंडिडेट वापस ले ले। इन अपीलों को लेकर देवेंद्र फडणवीस (Devendra Fadnavis) ने कहा था कि मैं अपनी पार्टी में खुद कोई फैसला नहीं लेता। उन्होंने कहा था कि हमने पहले भी उम्मीदवार वापस लिए हैं। इस बार भी हाईकमान और साथी नेताओं से बातचीत के बाद ही फैसला हो सकेगा।

बता दें कि शिवसेना में दो फाड़ के बाद उद्धव ठाकरे गुट (Uddhav Thackeray Faction) की यह पहली सियासी परीक्षा थी, जिसमें वह बिना इलेक्शन के ही पास होता दिख रहा है। एकनाथ शिंदे (Eknath Shinde) के सत्ता में आने के बाद से यह पहला चुनाव था, जिसे लेकर माना जा रहा था कि इससे पता चलेगा कि फूट से शिवसेना को नुकसान हुआ है या नहीं। अब अगला मुकाबला भाजपा-एकनाथ शिंदे गुट और शिवसेना और उसके सहयोगियों के बीच बीएमसी चुनाव (BMC Election )में ही देखने को मिलेगा, जिसकी तैयारियां सभी दलों की ओर से तेज कर दी गई हैं।

 

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