समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने यूपी विधानसभा उपचुनाव (UP Assembly By-election) के लिए बुधवार को छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने करहल विधानसभा सीट (Karhal Assembly Seat) पर तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को उम्मीदवार बनाया है।
लखनऊ। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) ने यूपी विधानसभा उपचुनाव (UP Assembly By-election) के लिए बुधवार को छह सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। पार्टी ने करहल विधानसभा सीट (Karhal Assembly Seat) पर तेज प्रताप यादव (Tej Pratap Yadav) को उम्मीदवार बनाया है। इस सीट से सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव (SP President Akhilesh Yadav) विधायक चुने गए थे। सांसद बनने के बाद सीट खाली हो गई थी। इसी तरह सीसामऊ विधानसभा सीट से नसीम सोलंकी, फूलपुर से मुस्तफा सिद्दीकी, मिल्कीपुर से अजीत प्रसाद, कटेहरी से शोभावती वर्मा और मंझवा विधानसभा सीट से डॉ. ज्योति बिंद को प्रत्याशी बनाया गया है।
— Samajwadi Party (@samajwadiparty) October 9, 2024
10 विधानसभा सीटों पर होगें उपचुनाव
यूपी की 10 विधानसभा सीटों पर उपचुनाव होगा जिसके लिए सभी दलों ने तैयारियां कर ली हैं। सपा (SP) के चार और सीटें घोषित न करने को कांग्रेस के साथ गठबंधन की बात कही जा रही है। बता दें कि उपचुनाव में कांग्रेस ने सपा (SP) से पांच सीटों की मांग की थी लेकिन छह सीटों पर उम्मीदवार घोषित होने से यह साफ है कि सपा (SP) ने कांग्रेस का फॉर्मूला मानने से इनकार कर दिया है।
भाजपा ने नौ सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर मंथन
उपचुनाव की तैयारियों के मद्देनजर सोमवार को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) की मौजूदगी में भाजपा कोर कमेटी की बैठक हुई थी। जिसमें नौ सीटों पर उम्मीदवारों के नामों पर मंथन हुआ। बैठक में सभी नौ सीटों के लिए कुल 27 नामों के पैनल को फाइनल किया गया था। मुख्यमंत्री आवास पर दोनों उप मुख्यमंत्री केशव मौर्य (Deputy Chief Minister Keshav Maurya) और ब्रजेश पाठक के अलावा भाजपा के प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी (BJP state president Bhupendra Chaudhary) और महामंत्री संगठन धर्मपाल (General Secretary Organization Dharampal) की मौजूदगी में एक घंटे से अधिक समय तक बैठक चली थी। इसमें टिकट के सभी दावेदारों के नामों पर चर्चा हुई। उम्मीदवारों के नाम के अलावा बैठक में उपचुनाव में प्रचार अभियान व अन्य तैयारियों, सदस्यता अभियान के साथ ही सरकार और संगठन के बीच समन्वय को और बेहतर करने पर भी चर्चा हुई थी।