UP Election Result 2022: उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) नतीजों के शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) 239 सीटों के साथ सबसे आगे चल रही है। रुझानों के साथ ही एग्जिट पोल्स पर मुहर लगती दिख रही है। इसी मुहर के साथ उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे पॉलिटिकल किस्से भी हैं, जिन पर अब फुल स्टॉप लग जाएगा, यानी कुछ नए रिकॉर्ड बन जाएंगे। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) और योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) उत्तर प्रदेश में नया इतिहास भी रच देंगे।
UP Election Result 2022 : उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Uttar Pradesh Assembly Elections) नतीजों के शुरुआती रुझानों में भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) 250 सीटों के साथ सबसे आगे चल रही है। रुझानों के साथ ही एग्जिट पोल्स पर मुहर लगती दिख रही है। इसी मुहर के साथ उत्तर प्रदेश के कुछ ऐसे पॉलिटिकल किस्से भी हैं, जिन पर अब फुल स्टॉप लग जाएगा, यानी कुछ नए रिकॉर्ड बन जाएंगे। इसके साथ ही भारतीय जनता पार्टी (Bharatiya Janata Party) और योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) उत्तर प्रदेश में नया इतिहास भी रच देंगे।
टूटेगा नोएडा का मिथक
यूपी की राजनीति में एक मिथक हमेशा से चर्चा में रहा है कि जो भी मुख्यमंत्री अपने कार्यकाल के दौरान नोएडा जाता है, उसकी कुर्सी अगले चुनाव में चली जाती है। नोएडा से जुड़े इस अंधविश्वास का खौफ नेताओं में इतना अधिक रहा है कि अखिलेश यादव बतौर मुख्यमंत्री एक बार भी नोएडा नहीं आए। उनसे पहले मुलायम सिंह यादव, एनडी तिवारी, कल्याण सिंह, और राजनाथ सिंह जैसे नेताओं ने भी नोएडा से दूरी बनाए रखी। 2007 से 2012 के बीच मायावती ने इस मिथक को तोड़ने की और दो बार नोएडा गईं। लेकिन 2012 में उनकी सरकार गिर जाने के बाद नोएडा का ये मिथक फिर चर्चा में आ गया। वहीं दूसरी ओर योगी आदित्यनाथ अपने कार्यकाल के दौरान कई बार नोएडा गए। ऐसे में अब ये मिथक भी टूटता दिख रहा है।
पहली बार पांच साल सरकार चलाने के बाद दोबारा सीएम बनने का रिकॉर्ड
आजादी के बाद से अब तक कोई भी मुख्यमंत्री पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद अगले चुनावी नतीजों के बाद मुख्यमंत्री नहीं बन पाया। अगर योगी सरकार वापसी करती है तो योगी आदित्यनाथ यह रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लेंगे।
15 साल बाद कोई विधायक बनेगा मुख्यमंत्री
जीत की ओर बढ़ती भाजपा ने पूरा चुनाव योगी आदित्यनाथ के काम पर लड़ा है। अगर योगी दोबारा मुख्यमंत्री बनते हैं तो 15 साल के बाद कोई विधायक मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठेगा। 2007 में मायावती, 2012 में अखिलेश यादव और फिर 2017 में योगी आदित्यनाथ मुख्यमंत्री बने। तीनों विधान परिषद के रास्ते ही मुख्यमंत्री की कुर्सी पर काबिज हुए।