HBE Ads
  1. हिन्दी समाचार
  2. उत्तर प्रदेश
  3. UP News : योगी सरकार ने अफसरों के लिए गाइडलाइन जारी, बगैर अनुमति नहीं लिख सकेंगे सोशल मीडिया पर

UP News : योगी सरकार ने अफसरों के लिए गाइडलाइन जारी, बगैर अनुमति नहीं लिख सकेंगे सोशल मीडिया पर

यूपी (UP) योगी सरकार (Yogi Government) ने अपने अफसरों व कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया गाइडलाइंस (Social Media  Guidelines) जारी कर दी है। अब सरकारी कर्मचारी बिना सरकार की अनुमति के प्रिंट और डिजिटल मीडिया (Digital Media) पर नहीं लिख सकेंगे।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी (UP) योगी सरकार (Yogi Government) ने अपने अफसरों व कर्मचारियों के लिए सोशल मीडिया गाइडलाइंस (Social Media  Guidelines) जारी कर दी है। अब सरकारी कर्मचारी बिना सरकार की अनुमति के प्रिंट और डिजिटल मीडिया (Digital Media) पर नहीं लिख सकेंगे।

पढ़ें :- जनता भाजपा को चुनना नहीं चाहती इसीलिए ये भ्रष्ट शासन-प्रशासन-प्रचार तंत्र का दुरुपयोग करके सरकार में चाहते हैं बने रहना : अखिलेश यादव

हालांकि, कलात्मक, साहित्यिक और वैज्ञानिक लेख लिखने पर कोई प्रतिबंध नहीं है। इस संबंध में प्रदेश सरकार के मुख्य सचिव देवेश चतुर्वेदी ने आदेश जारी किया है।

सीएम योगी आदित्यनाथ सोशल मीडिया पर डाली जाने वाली पोस्ट को लेकर नई गाइडलाइन जारी की है। इसके तहत यदि किसी सरकारी कर्मचारी या अफसर की ओर से सरकार के विरोध में कोई पोस्ट की गई तो उस पर कार्रवाई तय है।

पढ़ें :- सिपाही भर्ती परिणाम: सीएम योगी ने उत्तीर्ण अभ्यर्थियों को दी बधाई, कहा-यूपी निष्पक्षता और ईमानदारी के नित नए मानक स्थापित कर रहा

इस नए आदेश से उत्तर प्रदेश के करीब 20 लाख सरकारी कर्मचारी और अधिकारियों के लिए मीडिया और सोशल मीडिया पर सरकार का विरोध करना आफत बन सकती है। इस संबंध में नियुक्ति और कार्मिक विभाग की ओर से जो आदेश जारी किया गया है, उसमें स्पष्ट है कि जनसंचार के किसी भी माध्यम के जरिए बिना अनुमति के सरकारी अधिकारी और कर्मचारी कोई टिप्पणी नहीं कर सकेंगे। ऐसा करने वाले अधिकारी और कर्मचारियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

नियुक्ति और कार्मिक विभाग के प्रमुख सचिव दिवेश चतुर्वेदी की ओर से इस संबंध में आदेश गुरुवार को जारी किया गया। जिसमें कहा गया है कि प्रदेश के सरकारी कार्मिकों के आचरण को विनियमित करने के लिए उत्तर प्रदेश सरकारी कर्मचारियों की आचरण नियमावली, 1956 प्रभावी है।

आचरण नियमावली के नियम-3 (2) में यह व्यवस्था है कि प्रत्येक सरकारी कर्मचारी सभी समयों पर, व्यवहार शासकीय आदेशों के अनुरूप करेगा। नियमावली के नियम-6, 7 एवं 9 में समाचार पत्रों या रेडियो से सम्बन्ध रखने एवं सरकार की आलोचना आदि के सम्बन्ध में प्रावधान किए गए हैं।

कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा के जबकि उसने सरकार की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो, किसी समाचार पत्र या अन्य नियतकालिक प्रकाशन का पूर्णतः या अंशतः हिस्सा नहीं बनेगा।

कोई सरकारी कर्मचारी, सिवाय उस दशा के, जबकि उसने सरकार की या इस सम्बन्ध में सरकार द्वारा अधिकृत किसी अन्य प्राधिकारी की पूर्व स्वीकृति प्राप्त कर ली हो अथवा जब वह अपने कर्तव्यों का सदभाव से निर्वहन कर रहा हो, किसी प्रसारण में भाग नहीं लेगा।

पढ़ें :- बटेंगे तो कटेंगे के पोस्टर शहर में लगाया, राहुल सिंह बोले-भेदभाव से ऊपर उठकर बनाए रखेंगे भाईचारा

किसी समाचार पत्र या पत्रिका को लेख नहीं भेजेगा और गुमनाम से अपने नाम में या किसी अन्य व्यक्ति के नाम में, किसी समाचार पत्र या पत्रिका को कोई पत्र नहीं लिखेगा। उस दशा में, जबकि ऐसे प्रसारण या ऐसे लेख का स्वरूप केवल साहित्यिक, कलात्मक या वैज्ञानिक हो, किसी ऐसे स्वीकृति-पत्र के प्राप्त करने की आवश्यकता नहीं होगी।

आदेश में स्पष्ट किया गया है कि मीडिया का स्वरूप विस्तृत हो चुका है। इसके अन्तर्गत प्रिन्ट मीडिया (समाचार पत्र-पत्रिकाएं इत्यादि), इलेक्ट्रॉनिक मीडिया (रेडियो एवं न्यूज चैनल इत्यादि), सोशल मीडिया (फेसबुक, एक्स (पूर्व में ट्विटर) वाट्सएप, इंस्टाग्राम, टेलीग्राम आदि। डिजिटल मीडिया (समाचार पोर्टल इत्यादि)।

दिवेश चतुर्वेदी की ओर से स्पष्ट किया गया है कि इनमें से किसी भी माध्यम में किसी भी तरह की सरकारी व्यवस्था पर की गई टिप्पणी को आचरण के खिलाफ माना जाएगा और इस संबंध में सुसंगत कार्रवाई की जाएगी।

 

इन टॉपिक्स पर और पढ़ें:
Hindi News से जुड़े अन्य अपडेट लगातार हासिल करने के लिए हमें फेसबुक, यूट्यूब और ट्विटर पर फॉलो करे...