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युद्ध के मुहाने पर दुनिया? चीन की धमकी को अनसुना कर अमेरिका ने ताइवान को दिया खतरनाक हथियार

अमेरिका (America) ने चीन (China) की धमकी को अनसुना कर ताइवान (Taiwan) को खतरनाक हथियार दे दिए हैं, जिससे चीन-अमेरिका के बीच टेंशन (US -China Tension) बढ़ सकती है। ताइवान (Taiwan) को अमेरिका से 38 M1A2T अब्राम टैंक मिले हैं, जो 23 सालों में द्वीप पर पहली अमेरिकी टैंक डिलीवरी (First American Tank Delivery) है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। अमेरिका (America) ने चीन (China) की धमकी को अनसुना कर ताइवान (Taiwan) को खतरनाक हथियार दे दिए हैं, जिससे चीन-अमेरिका के बीच टेंशन (US -China Tension) बढ़ सकती है। ताइवान (Taiwan) को अमेरिका से 38 M1A2T अब्राम टैंक मिले हैं, जो 23 सालों में द्वीप पर पहली अमेरिकी टैंक डिलीवरी (First American Tank Delivery) है। रेडियो फ्री एशिया (Radio Free Asia) के अनुसार, यह शिपमेंट अगले दो वर्षों में अपेक्षित 122 टैंकों के बड़े ऑर्डर का हिस्सा है। चीन (China)  काफी समय से ताइवान (Taiwan) को हथियार नहीं देने के लिए कहता आया है और इसके लिए वह अमेरिका (America) तक को धमकी दे चुका है। वह साफ कर चुका है कि संप्रभुता को बचाने के लिए वह किसी भी हद तक जाएगा। ऐसे में अब सवाल उठने लगा है कि क्या यह टेंशन और बढ़ी तो यह कहीं युद्ध की शक्ल न ले ले।

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M1A2T टैंक को वैश्विक स्तर पर सबसे मॉडर्न युद्धक टैंकों में से एक माना जाता है। कुछ विशेषज्ञों ने ताइवान (Taiwan) के पहाड़ी इलाकों और घने शहरी क्षेत्रों के लिए इसकी उपयुक्तता के बारे में चिंता जताई है। हालांकि, टैंकों को ताइवान (Taiwan) की रक्षा क्षमताओं को बढ़ावा देने के लिए एक बड़ा बढ़ावा माना जा रहा है। खासकर चीन के साथ चल रहे तनाव को देखते हुए।

M1A2T अब्राम, जनरल डायनेमिक्स द्वारा निर्मित M1 अब्राम का एक लेटेस्ट वर्जन है, जो 120 मिमी स्मूथबोर गन से लैस है जो 850 मिमी तक की मोटाई वाले कवच को भेदने में सक्षम है। इसकी दुर्जेय मारक क्षमता, उन्नत कवच और गति इसे ताइवान की सेना के लिए एक शक्तिशाली संपत्ति बनाती है। ताइवान के M60A3 और CM11 टैंकों के मौजूदा बेड़े की तुलना में – जो दोनों 30 साल से अधिक पुराने हैं – M1A2T एक महत्वपूर्ण तकनीक है।। इसके अलावा, अब्राम में एक हंटर-किलर क्षमता है, जो इसे एक साथ कई लक्ष्यों को ट्रैक करने के काबिल बनाती है।

कैटो इंस्टीट्यूट (Cato Institute) के वरिष्ठ फेलो एरिक गोमेज ने इस बात पर जोर दिया कि ताइवान की रक्षा में M1A2T की प्राथमिक भूमिका संभावित चीनी (China) आक्रमण के दौरान महत्वपूर्ण लैंडिंग पॉइंट की रक्षा करना होगी। ताइवान (Taiwan) के चुनौतीपूर्ण इलाके में टैंक के प्रदर्शन के बारे में चिंताओं के बावजूद, विशेषज्ञ इस बात पर सहमत हैं कि M1A2T चीनी सैन्य दबाव का सामना करने की ताइवान की क्षमता को महत्वपूर्ण रूप से बढ़ाता है। इस बीच, सौदे के बारे में पूछे जाने पर, चीन के विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और क्षेत्रीय अखंडता की दृढ़ता से रक्षा करेगा।

अमेरिका (America) ने चीन (China) को दी थी खुली धमकी इस महीने की शुरुआत में चीन ने हथियारों की बिक्री को मंजूरी देने पर अमेरिका को खुली धमकी दी थी। इसे चीन (China)  ने वन चाइना पॉलिसी (One China Policy) का उल्लंघन माना था। चीनी विदेश मंत्रालय (Chinese Foreign Ministry) ने कहा था कि वह अपनी राष्ट्रीय संप्रभुता, सुरक्षा और आतंकवादी उपायों की रक्षा के लिए मजबूत और दृढ़ जवाबी कदम उठाएगा। अगर अमेरिका ताइवान को तुरंत हथियार देना बंद नहीं करता है तो कड़े कदम उठाए जाएंगे।

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हालांकि, चीन की धमकी के बाद भी अमेरिका (America) ने ताइवान को हथियार दिए हैं, जिससे चीन भड़क सकता है। कोरोना काल के दौरान से ही चीन और अमेरिका में रिश्ते काफी खराब हैं। भले ही डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) अमेरिका (America) के नए राष्ट्रपति बनने जा रहे हों, लेकिन उनके साथ भी चीन (China) के साथ संबंध अच्छे नहीं हैं। यानी कि साफ है कि आने वाले समय में चीन (China)  और अमेरिका (America) के संबंधों में और दरार आ सकती है, जिससे युद्ध का खतरा बना हुआ है।

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