US-China tensions: टैरिफ वॉर के बीच चीन ने अमेरिका पर बड़े साइबर हमले का आरोप लगाया है। ड्रैगन ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) पर उसके नेशनल टाइम सर्विस सेंटर को निशाना बनाकर एक बड़ा साइबर अटैक किया। नेशनल टाइम सर्विस सेंटर चीनी विज्ञान अकादमी के अंतर्गत एक शोध संस्थान है, जो चीन के मानक समय के निर्माण, रखरखाव और प्रसारण के लिए जिम्मेदार है।
US-China tensions: टैरिफ वॉर के बीच चीन ने अमेरिका पर बड़े साइबर हमले का आरोप लगाया है। ड्रैगन ने दावा किया है कि अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा एजेंसी (एनएसए) पर उसके नेशनल टाइम सर्विस सेंटर को निशाना बनाकर एक बड़ा साइबर अटैक किया। नेशनल टाइम सर्विस सेंटर चीनी विज्ञान अकादमी के अंतर्गत एक शोध संस्थान है, जो चीन के मानक समय के निर्माण, रखरखाव और प्रसारण के लिए जिम्मेदार है।
समाचार एजेंसी रॉयटर्स की रिपोर्ट के अनुसार, चीन के स्टेट सिक्योरिटी मंत्रालय ने रविवार (19 अक्टूबर) को अपने वीचैट अकाउंट पर एक बयान जारी कर चेतावनी दी कि गंभीर उल्लंघनों से संचार नेटवर्क, वित्तीय प्रणाली, बिजली आपूर्ति और अंतर्राष्ट्रीय मानक समय खतरे में पड़ सकता है। कथित तौर पर मंत्रालय ने कहा कि उसकी जांच में 2022 तक चोरी किए गए डेटा और क्रेडेंशियल्स का पता लगाने वाले सबूत सामने आए हैं। चीन ने यह आरोप ऐसे वक्त में लगाए हैं जब उसके और अमेरिका के बीच व्यापार को लेकर बढ़ते तनाव लगातार बढ़ रहे हैं।
मंत्रालय के अनुसार, अमेरिकी खुफिया एजेंसी ने शुरू में केंद्र में कर्मचारियों के मोबाइल उपकरणों और नेटवर्क सिस्टम तक पहुंच प्राप्त करने के लिए एक अनाम विदेशी स्मार्टफोन ब्रांड की मैसेजिंग सेवा में “भेद्यता का फायदा उठाया”। जांच में यह भी दावा किया गया है कि अमेरिका ने 2023 और 2024 में केंद्र की आंतरिक नेटवर्क प्रणालियों पर हमले किए और साथ ही उच्च परिशुद्धता वाली जमीन आधारित टाइमिंग प्रणाली पर हमला करने का प्रयास किया।