America's stand on Pakistan: भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का दावा करनेवाला अमेरिका अब बेनकाब हो रहा है। अमेरिका के ताजा रुख ने साबित कर दिया है कि वह अपने फायदे के लिए पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है। दरअसल, पहलगाम हमले में एक तरफ जहां भारत दुनियाभर में पाकिस्तान को बेनकाब करने में जुटा है तो दूसरी तरफ अमेरिका उसे आतंक के खिलाफ जंग में शानदार पार्टनर बताया रहा है।
America’s stand on Pakistan: भारत-पाकिस्तान के बीच सीजफायर कराने का दावा करनेवाला अमेरिका अब बेनकाब हो रहा है। अमेरिका के ताजा रुख ने साबित कर दिया है कि वह अपने फायदे के लिए पाकिस्तान का समर्थन कर रहा है। दरअसल, पहलगाम हमले में एक तरफ जहां भारत दुनियाभर में पाकिस्तान को बेनकाब करने में जुटा है तो दूसरी तरफ अमेरिका उसे आतंक के खिलाफ जंग में शानदार पार्टनर बताया रहा है।
संयुक्त राज्य अमेरिका के सेंट्रल कमांड (सेंटकॉम) के कमांडर जनरल माइकल कुरिल्ला ने पाकिस्तान को ‘आतंक रोधी अभियानों में एक अभूतपूर्व साझेदार’ बताया है, क्योंकि उसने आतंकी मोहम्मद शरीफुल्लाह सहित आईएसआईएस (खुरासान) के पांच आतंकियों को पकड़कर अमेरिका प्रत्यर्पण कर दिया है। अमेरिकी संसद में हाउस आर्म्ड सर्विसेज कमिटी की एक सुनवाई के दौरान कुरिल्ला ने पाकिस्तान को लेकर यह टिप्पणियां कीं। अमेरिका के टॉप मिलिट्री कमांडर ने यह स्पष्ट किया कि अमेरिका के लिए भारत और पाकिस्तान, दोनों जरूरी हैं. एक की कीमत पर दूसरे को नहीं छोड़ सकते है।
जनरल कुरिल्ला ने पाकिस्तान के बारे में कहा, ‘वह इस समय आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई लड़ रहे हैं, तथा काउंटर टेररिज्म में एक अभूतपूर्व साझेदार रहा है।’ उन्होंने यह भी कहा, ‘हमें पाकिस्तान और भारत के साथ संबंध बनाने की जरूरत है। मैं नहीं मानता कि अगर हम भारत के साथ संबंध रखते हैं तो हम पाकिस्तान के साथ संबंध नहीं रख सकते। हमें संबंधों के मेरिट को सकारात्मकता के लिए देखना चाहिए।’
हालांकि, कुरिल्ला ये भूल गए कि वह जिस पाकिस्तान की तारीफ कर रही हैं, उसने ही दुनिया के सबसे खतरनाक आतंकी ओसामा बिन लादेन को अपने घर में छिपाकर रखा था। पाकिस्तान ने लश्कर ए तैयबा और जैश ए मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों के जरिए भारत में पहलगाम नरसंहार को अंजाम दिया, उन्हें पाकिस्तान आतंक से पीड़ित देश नजर आता है।