यूपी की प्रगति और उन्नति के लिए योगी सरकार (Yogi Government) कृत संकल्पित है। प्रदेश में समाज के सभी वर्गों के समेकित विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही है। योगी सरकार (Yogi Government) दिव्यांगजन सशक्तिकरण पर विशेष तौर पर जोर देते हुए इनके कल्याण के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का संचालन कर रही है।
लखनऊ। यूपी की प्रगति और उन्नति के लिए योगी सरकार (Yogi Government) कृत संकल्पित है। प्रदेश में समाज के सभी वर्गों के समेकित विकास का मार्ग प्रशस्त कर रही है। योगी सरकार (Yogi Government) दिव्यांगजन सशक्तिकरण पर विशेष तौर पर जोर देते हुए इनके कल्याण के लिए विभिन्न सरकारी योजनाओं का संचालन कर रही है। ऐसे में, इन केंद्र व राज्य सरकार की योजनाओं का सभी को लाभ मिले, उनके शंका निराकरण व समाधान उपलब्ध कराने के उचित साधन हों और इन सबकी रेगुलर मॉनिटरिंग हो सके।
इसी क्रम में सीएम योगी (CM Yogi)के विजन अनुसार दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (Department of Empowerment of Persons with Disabilities) को जल्द ही विशिष्ट ऑनलाइन वेबपोर्टल के विकास से लैस किया जाएगा। दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (Department of Empowerment of Persons with Disabilities) के लिए जिस ऑनलाइन वेब पोर्टल का विकास होना है उसे यूजर मैनेजमेंट, ऑनलाइन फाइल मैनेजमेंट, अप्रूवल सिस्टम समेत कई सुविधाओं से युक्त किया जाएगा।
इन सभी कार्यों को पूरा करने की जिम्मेदारी श्रीट्रॉन इंडिया लिमिटेड (Shreetron India Limited) को सौंपी गई है जो कि उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा विभागों को आईटी/आईटीईएस समाधान प्रदान करने के लिए नियुक्त नोडल एजेंसी है। फिलहाल, श्रीट्रॉन द्वारा दिव्यांगजन सशक्तिकरण विभाग (Department of Empowerment of Persons with Disabilities) के ऑनलाइन वेबपोर्टल के लिए कार्रवाई शुरू करते हुए एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया पर कार्य किया जा रहा है।
रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल माध्यम से मांगे आवेदन
श्रीट्रॉन द्वारा एजेंसी निर्धारण व कार्यावंटन की प्रक्रिया को पूर्ण करने के लिए रिक्वेस्ट फॉर प्रपोजल (आरएफपी) माध्यम से आवेदन मांगे गए हैं । इस प्रक्रिय में केवल वही कंपनियां हिस्सा ले सकेंगी जो कि पहले से ही श्रीट्रॉन में इंपैन्ल्ड हैं और इन्हीं में से चयनित एजेंसी को ऑनलाइन वेबपोर्टल व जरूरी फ्रेमवर्क के विकास का जिम्मा सौंपा जाएगा। इस कार्य को सॉफ्टवेयर डेवलपमेंट की केटेगरी ए,बी व सी के अंतर्गत सर्विस प्रोवाइडर के तौर पर चयनित एजेंसी को पूर्ण करना होगा।
माना जा रहा है कि अगस्त के पहले हफ्ते में एजेंसी निर्धारण की प्रक्रिया को पूरा कर लिया जाएगा। उल्लेखनीय है कि विभाग राज्य सरकार द्वारा वित्तपोषित दिव्यांगजन विभाग की योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन जमा करने और निगरानी के लिए इस वेब पोर्टल का विकास करा रहा है। यह पोर्टल आवेदक डाटा प्रबंधन और आवेदक को प्रदान की जाने वाली वित्तीय सहायता के लिए भी उत्तरदायी होगा। सभी डाटा क्लाउड सर्वर पर होस्ट किए जाएंगे ताकि विवरण तक आसानी से पहुँचा जा सके।
यूजर मैनेजमेंट समेत 4 प्रकार के सिस्टम से लैस होगा पोर्टल
यूजर मैनेजमेंट सिस्टम (यूएमएस) को उपयोगकर्ताओं और उनके खातों के प्रभावी प्रबंधन के रूप में परिभाषित किया जाता है, और वेब पोर्टल के विकास के जरिए इस प्रक्रिया को डिजिटली एक्सेस किया जा सकेगा। उपयोगकर्ता प्रबंधन प्रशासकों को पहुँच प्रदान करने और उपयोगकर्ता पहुँच का प्रबंधन करने के साथ ही उपयोगकर्ता खातों को नियंत्रित करने में सक्षम बनाएगा।
यह उपयोगकर्ता प्रबंधन प्रणाली तक पहचान और पहुँच प्रबंधन (IAM) का एक अभिन्न अंग है जो सुरक्षा के एक बुनियादी रूप के रूप में कार्य करेगा। इसके अतिरिक्त, सब्मिटिंग, रूटिंग, रीव्यूइंग, अप्रूविंग, अप्रूवल ट्रैकिंग तथा विभिन्न प्रकार के दस्तावेजों के संकलन व संचयन की प्रक्रिया को भी ऑनलाइन मॉड्यूल के माध्यम से पूरा किया जाएगा। रिपोर्ट व क्वेरी मैनेजमेंट सिस्टम के लिए पोर्टल को डैशबोर्ड युक्त किया जाएगा।
4 चरण में होगा वेब पोर्टल का विस्तार
वेब पोर्टल के निर्माण व विकास को 4 चरणों में पूरा किया जाएगा। पहले चरण में कार्यावंटन के उपरांत 7 दिनों के भीतर कार्यावंटन प्राप्त करने वाली एजेंसी द्वारा सिस्टम रिक्वायरमेंट स्टडी (SRS) को पूरा किया जाएगा। इसके बाद मॉड्यूल के आर्किटेक्चरल डिजाइन की प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा और इसके लिए भी एसआरएस अप्रूवल के बाद 7 दिन की कार्यावधि निर्धारित की गई है। इस दौरान ग्राफिक यूजर इंटरफेस संबंधी प्रोजेक्ट सब्मिट किया जाएगा।
इसके बाद अगले 30 दिनों में वेब पोर्टल व मॉड्यूल का निर्माण किया जाएगा जिसके जरिए एप्लिकेशन डेवलपमेंट, रीफर्बिशमेंट, मास्टर व रियल टेस्ट डाटा एंट्री, यूजर एक्सेप्टेंस व ट्रेनिंग समेत विभिन्न प्रक्रियाओं को पूरा किया जाएगा। इनके पूर्ण होने के बाद ऑनलाइन प्लैटफॉर्म को ऑपरेशनल करते हुए विभाग के कर्मचारियों को इसके संचालन के लिए ट्रेनिंग भी उपलब्ध कराई जाएगी। वेब पोर्टल को एसक्यूएल डाटाबेस के आधार पर निर्मित किया जाएगा।