अटल दशहरा उत्सव समिति (Atal Dussehra Utsav Samiti) के तरफ से शाम को रावण दहन (Ravana Dahan) का कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन सुबह ही कुछ शरारती तत्वों ने पुतले में आग लगाकर आयोजन की गरिमा को तार-तार कर दिया।
भोपाल। मध्य प्रदेश (Madhya Pradesh) की राजधानी भोपाल के बाग मुगालिया इलाके में दशहरा उत्सव (Dussehra Celebration) से पहले एक अजीब घटना सामने आई है। यहां अटल दशहरा उत्सव समिति (Atal Dussehra Utsav Samiti) के तरफ से शाम को रावण दहन (Ravana Dahan) का कार्यक्रम रखा गया था, लेकिन सुबह ही कुछ शरारती तत्वों ने पुतले में आग लगाकर आयोजन की गरिमा को तार-तार कर दिया।
Video : नशे में धुत युवक-युवती ने सुबह- सुबह ही रावण का कर दिया दहन, ग्राउंड पर पहुंचे सिगरेट सुलगाई और पुतले में लगा दी आग pic.twitter.com/Jlik96882R
— santosh singh (@SantoshGaharwar) October 2, 2025
प्रत्यक्षदर्शियों ने बताया कि सुबह करीब 6 बजे बिना नंबर की एक नई लाल रंग की कार मैदान में पहुंची। कार में तीन युवक और एक युवती सवार थे। तभी अचानक उनमें से एक युवक दौड़ते हुए आया और मैदान में खड़े रावण के पुतले में आग लगा दी। पुतले में आग लगते ही युवक वहां से भागकर कार में बैठा और बाकी साथियों के साथ फरार हो गया। इस दौरान रावण का पुतला धूं-धूंकर जलने लगा। सुबह-सुबह जलते रावण के पुतले को देखकर और आतिशबाजी की आवाज सुनकर आसपास के लोग चौंक गए।
स्थानीय लोगों ने बताया कि घटना इतनी तेजी से हुई कि किसी को रोकने का मौका तक नहीं मिला। कार में बैठी युवती को भी प्रत्यक्षदर्शियों ने देखा है। घटना की जानकारी तुरंत अटल दशहरा उत्सव समिति (Atal Dussehra Utsav Samiti) के पदाधिकारियों को दी गई, जिसके बाद समिति ने डायल 112 (Dial 112) पर कॉल कर पुलिस को सूचना दी।
समिति सदस्य आदित्य दुबे ने कहा कि आज शाम को धूमधाम से रावण दहन (Ravana Dahan) होना था। बड़ी संख्या में लोग कार्यक्रम में शामिल होने वाले थे, लेकिन अज्ञात युवकों ने सुबह ही पुतले में आग लगाकर पूरे आयोजन को प्रभावित कर दिया। इस मामले की गंभीरता को देखते हुए समिति ने मिसरोद थाने (Misrod Police Station) में लिखित शिकायत दर्ज करवाई है। पुलिस ने घटनास्थल से जुटाए गए सुरागों और गवाहों के बयान के आधार पर जांच शुरू कर दी है। फिलहाल पुलिस उस कार की तलाश में जुटी है, जिससे युवक और युवतियां मैदान तक पहुंचे थे। दशहरा जैसे बड़े पर्व पर इस तरह की शरारत को लोग समाज और संस्कृति के लिए बेहद दुर्भाग्यपूर्ण मान रहे हैं।