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Video: सड़क से जा रही बच्ची को खींच ले गए आवारा कुत्ते, फिर काटने और नोंचने लगे; खौफनाक घटना CCTV में कैद

Dogs attack a girl in Hubballi, Karnataka: हुबली की एक स्थानीय सड़क पर आवारा कुत्तों द्वारा एक बच्ची पर हमला करते हुए एक चौंकाने वाला सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिससे राज्य में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों को लेकर नई चिंताएं पैदा हो गई हैं। वीडियो में दो आवारा कुत्ते उस बच्ची का पीछा करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसकी उम्र छह से नौ साल के बीच बताई जा रही है, और वह घबराहट में भागने की कोशिश कर रही है।

By Abhimanyu 
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Dogs attack a girl in Hubballi, Karnataka: हुबली की एक स्थानीय सड़क पर आवारा कुत्तों द्वारा एक बच्ची पर हमला करते हुए एक चौंकाने वाला सीसीटीवी फुटेज सामने आया है, जिससे राज्य में आवारा कुत्तों के बढ़ते हमलों को लेकर नई चिंताएं पैदा हो गई हैं। वीडियो में दो आवारा कुत्ते उस बच्ची का पीछा करते हुए दिखाई दे रहे हैं, जिसकी उम्र तीन साल के बीच बताई जा रही है, और वह घबराहट में भागने की कोशिश कर रही है।

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सीसीटीवी फुटेज में देखा जा सकता है कि घबराई हुई बच्ची मदद के लिए चिल्लाते हुए ज़मीन पर गिर जाती है, और कुत्ते उसे तब तक निशाना बनाते रहते हैं जब तक कि स्थानीय निवासी उसे बचाने के लिए हस्तक्षेप नहीं करते। इससे पहले मंगलवार को कर्नाटक के चित्रदुर्ग में भी ऐसी ही एक घटना सामने आई थी, जहाँ एक और बच्ची, जिसकी उम्र लगभग छह से नौ साल बताई जा रही है, का एक सुनसान सड़क पर कम से कम दो आवारा कुत्तों ने पीछा किया और उस पर हमला कर दिया। डरी हुई बच्ची भागने की कोशिश में गिर पड़ी और हमला तब तक जारी रहा जब तक स्थानीय लोग उसे बचाने के लिए दौड़े नहीं।

राजधानी बेंगलुरु में शुरू की गयी ‘कुक्किर तिहार’ योजना

बेंगलुरु में बृहत बेंगलुरु महानगर पालिका (बीबीएमपी) ने ‘कुक्किर तिहार’ नाम से एक वर्षीय पायलट योजना शुरू करने का फैसला किया है। इस अनोखी योजना के तहत शहर के लगभग 5,000 आवारा कुत्तों को रोजाना चिकन, चावल और सब्जियों से बना पौष्टिक भोजन खिलाया जाएगा। बीबीएमपी इस इस पहल का अनुमानित खर्च 2.8 से 2.9 करोड़ रुपये सालाना है। जिसका विरोध भी शुरू हो गया है।

बीबीएमपी के अधिकारियों के अनुसार, यह एक वर्षीय पायलट योजना ‘वन हेल्थ’ कार्यक्रम का हिस्सा है, जिसमें रेबीज कंट्रोल, टीकाकरण और नसबंदी जैसे प्रयास शामिल हैं।   ‘कुक्किर तिहार’ योजना का मकसद आवारा कुत्तों की आक्रामकता और काटने की घटनाओं को कम करना है। इसके अलावा, योजना के जरिये रेबीज जैसे जानलेवा रोगों पर नियंत्रण पाने की कोशिश की जाएगी। इसकी सफलता के आधार पर एक और वर्ष तक बढ़ाया जा सकता है। शहर में हर महीने कुत्ते काटने के 500 से 1,500 केस सामने आते हैं। मई 2025 में कुत्तों के काटने के 16,000 से अधिक मामले दर्ज किए गए।

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