टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के एजीआर बकाया (Vodafone Idea AGR Dues) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है । बता दें कि SC ने कहा इस मामले पर सरकार फिर से विचार कर सकती है । कोई ऐसा कारण नहीं है कि सरकार फिर से विचार न करे । ये मामला पॉलिसी से जुड़ा हुआ है सरकार जो चाहे वो फैसला कर सकती है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस डिसीजन के बाद वोडाफोन आइडडिया के शेयरों में जबरदस्त तेजी आ गई है।
टेलिकॉम कंपनी वोडाफोन आइडिया के एजीआर बकाया (Vodafone Idea AGR Dues) को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला किया है । बता दें कि SC ने कहा इस मामले पर सरकार फिर से विचार कर सकती है । कोई ऐसा कारण नहीं है कि सरकार फिर से विचार न करे । ये मामला पॉलिसी से जुड़ा हुआ है सरकार जो चाहे वो फैसला कर सकती है। बता दें कि सुप्रीम कोर्ट के इस डिसीजन के बाद वोडाफोन आइडडिया के शेयरों में जबरदस्त तेजी आ गई है और स्टॉक साढ़े 8 फीसदी से ज्यादा चढ़कर 10.44 रुपये पर ट्रेड कर रहा है।उधर एक्सपर्ट्स का कहना है कि अगर पेनाल्टी और ब्याज को माफ किया जाता है तो कंपनी को 50000 करोड़ का रिलीफ मिल जाएगा। ऐसे में शेयर 15 रुपये के पार जा सकता है।
क्या है AGR बकाया?
दरअसल, एडजस्टेड ग्रॉस रेवेन्यू AGR आय का वह आँकड़ा है जिसका उपयोग दूरसंचार कंपनियों द्वारा सरकार को देय लाइसेंस शुल्क और स्पेक्ट्रम शुल्क की गणना के लिए किया जाता है। टेलीकॉम कंपनी और केंद्र की ओर से पेश सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता के अनुरोध पर इस याचिका पर सुनवाई पहले भी कई बार स्थगित की जा चुकी है।इससे पहले, केंद्र सरकार ने कहा था कि कंपनी के साथ समाधान निकालने के प्रयास चल रहे हैं। तुषार मेहता ने कहा कि सरकार के पास वोडाफोन आइडिया में लगभग 50 प्रतिशत इक्विटी है, जिससे वह कंपनी के अस्तित्व को बचाने में प्रत्यक्ष हितधारक बन गई है। वोडाफोन आइडिया लिमिटेड ने दूरसंचार विभाग की 2016-17 से संबंधित 5,606 करोड़ रुपये की मांग के खिलाफ एक नई याचिका दायर की थी।