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सेना ने जो कदम उठाए, हमें उस पर गर्व, सरकार को संसद का विशेष संसद सत्र बुलाकर करनी चाहिए चर्चा: सचिन पायलट

पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पूरे देश और विपक्ष समेत हर राजनीतिक दल से भारत सरकार को पूरा समर्थन मिला। हमने पहले दिन से ही साफ कहा था कि यह हमारी आत्मा पर हमला है और इसका मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी है। सेना ने जो कदम उठाए, हमें उस पर गर्व है।

By शिव मौर्या 
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नई दिल्ली। कांग्रेस नेता सचिन पायलट ने कांग्रेस कार्यालय में प्रेस कॉफ्रेंस को संबोधित किए। इस दौरान उन्होंने कहा, पिछले कुछ दिनों में सरहद के पास वाले क्षेत्रों में जिन भारतीय नागरिकों की जान गई है, मैं उन्हें कांग्रेस पार्टी की तरफ से सांत्वना देना चाहता हूं और श्रद्धांजलि अर्पित करता हूं। मैं भारतीय सेना के पराक्रम और शौर्य को सलाम करता हूं। भारतीय सेना ने एक बार फिर से दिखाया है कि वह दुनिया के सर्वोत्तम सेनाओं में से एक है।

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उन्होंने आगे कहा, पिछले 24 घंटों में पूरा घटनाक्रम बहुत तेजी से बदला है। हम सभी को आश्चर्य हुआ कि भारत और पाकिस्तान के बीच सीजफायर की घोषणा अमेरिका के राष्ट्रपति ने की। यह शायद पहली बार हुआ है, जब सीजफायर की घोषणा सोशल मीडिया के ज़रिए अमेरिका के राष्ट्रपति करते हैं। उन्होंने जो अपने सोशल मीडिया पोस्ट पर लिखा है, हमें उस पर भी ध्यान देना चाहिए। भारत और पाकिस्तान के बीच जो मसला है, उसका अंतरराष्ट्रीयकरण करना बेहद आश्चर्यजनक है।

कांग्रेस पार्टी लंबे समय से ये मांग करती आई है कि एक विशेष संसद सत्र बुलाया जाए। आपको याद होगा कि 1994 में कांग्रेस सरकार ने सर्वसम्मति से PoK को वापस लेने का प्रस्ताव पारित कराया था। अब समय आ गया है कि हमें 1994 के प्रस्ताव को दोहराना चाहिए। पहलगाम में आतंकी हमले के बाद पूरे देश और विपक्ष समेत हर राजनीतिक दल से भारत सरकार को पूरा समर्थन मिला। हमने पहले दिन से ही साफ कहा था कि यह हमारी आत्मा पर हमला है और इसका मुंहतोड़ जवाब देना जरूरी है। सेना ने जो कदम उठाए, हमें उस पर गर्व है। सरकार को हमारी मांग सुननी चाहिए और एक विशेष संसद सत्र बुलाकर चर्चा करनी चाहिए ताकि पूरी दुनिया में संदेश जाए कि आतंकवाद और पाकिस्तान के दुस्साहस के खिलाफ पूरा देश एकजुट है।

सचिन पायलट ने आगे कहा, 1971 में जब युद्ध छिड़ा था, तब अमेरिका ने कहा था कि हम बंगाल की खाड़ी में अपना सातवां बेड़ा भेज रहे हैं। तब तत्कालीन प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी जी आगे बढ़ीं और वो किया जो देशहित में जरूरी था। आज हम उन्हें याद कर रहे हैं। जब संसद पर हमला हुआ था, तब अटल जी प्रधानमंत्री थे और सोनिया गांधी जी नेता प्रतिपक्ष थीं। उन्होंने सदन के पटल पर खड़े होकर कहा था कि पूरा देश और पूरा विपक्ष सरकार के साथ है। उन्हीं परंपराओं को कायम रखते हुए प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस पार्टी और तमाम दलों ने फिर से सरकार को पूरा समर्थन दिया था। इसके अलावा, कश्मीर मुद्दे पर भी अमेरिका की तरफ से जो बयान आए हैं, उसपर भी सरकार को अपना पक्ष रखना चाहिए, क्योंकि यह द्विपक्षीय मुद्दा है। इसलिए संसद का विशेष सत्र बुलाना चाहिए और 1994 के प्रस्ताव को दोबारा दोहराना चाहिए।

उन्होंने आगे कहा, पिछले कई दशकों से हमारी विदेश नीति बड़ी स्पष्ट थी। उसमें मध्यस्थता, समझौते और तीसरे पक्ष के शामिल होने की बात नहीं होती थी। ऐसे में हमारी अपील है कि सरकार को सर्वदलीय बैठक बुलानी चाहिए। हमारे सैनिकों ने पिछले दिनों जिस ताकत, शौर्य और कार्यकुशलता से पाकिस्तान को मजा चखाने का काम किया है, उस पर हम सभी को नाज और फ़क्र है।

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