सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की रवानगी समेत कई अहम मुद्दों पर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि, हम आतंकवाद से लड़ने के अपने संकल्प को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं। हम चाहते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए दुनिया एक साथ आए।
नई दिल्ली। सर्वदलीय प्रतिनिधिमंडल की रवानगी समेत कई अहम मुद्दों पर विदेश मंत्रालय ने गुरुवार को जानकारी दी है। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा कि, हम आतंकवाद से लड़ने के अपने संकल्प को दुनिया तक पहुंचा रहे हैं। हम चाहते हैं कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ने के लिए दुनिया एक साथ आए। साथ ही कहा कि, हम चाहते हैं कि सीमा पर आतंकवाद के लिए जिम्मेदार लोगों को जवाबदेह ठहराएं। पिछले 40 वर्षों से पाकिस्तान भारत के खिलाफ आतंकवाद को अंजाम दे रहा है। ऐसे में उसके कार्यों को उजागर करने की जरूरत है। उसे भारत के खिलाफ किए गए आतंकी हमलों के लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए। इसलिए सात प्रतिनिधिमंडल बनाए गए हैं। तीन प्रतिनिधिमंडल रवाना हो चुके हैं। यह एक राजनीतिक मिशन है।
इसके साथ ही, तुर्की के मामले में विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने कहा, “हमें उम्मीद है कि तुर्की पाकिस्तान से सीमा पार आतंकवाद को अपना समर्थन बंद करने और दशकों से उसके द्वारा पोषित आतंकी पारिस्थितिकी तंत्र के खिलाफ विश्वसनीय और सत्यापन योग्य कार्रवाई करने का आग्रह करेगा। संबंध एक-दूसरे की चिंताओं के प्रति संवेदनशीलता के आधार पर बनते हैं।” इसके अलावा, सेलेबी मामले में विदेश मंत्रालय ने कहा कि इसको लेकर तुर्की दूतावास के साथ चर्चा की गई है। उन्होंने कहा-“लेकिन मैं समझता हूं कि यह विशेष निर्णय नागरिक उड्डयन सुरक्षा द्वारा लिया गया था।”
बता दें कि, बीते महीने पहलगाम में आतंकी हमले में 26 लोगों की जान चली गयी थी। इसके बाद भारत ने ऑपरेशन सिंदूर चलाते हुए पाकिस्तान और पीओके में आतंकी ठिकानों को निशाना बनाते हुए 100 से ज्यादा आतंकी ढेर कर दिए थे। इसके बाद कई दिनों तक भारत और पाकिस्तान के बीच युद्ध जैसी स्थिति बन गयी थी। चीन और तुर्की ने खुलकर पाकिस्तान का समर्थन किया था। यहां तक कि तुर्की ने पाकिस्तान को साढ़े तीन सौ से ज्यादा ड्रोन दिए थे। जम्मू से लेकर गुजरात तक कई दिन इन्हीं ड्रोन से पाकिस्तान ने भारत पर हमले की कोशिश की थी, जिन्हें नाकाम कर दिया गया था। इसके बाद पाकिस्तान के साथ-साथ तुर्की से भी भारत के रिश्तों में दरार आने लगी है।