पश्चिम बंगाल में जारी कोरोना संकट के बीच बंद पड़े ऐतिहासिक शक्तिपीठ कालीघाट को फिर से मंगलवार को भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया। इसके पहले मई महीने में पश्चिम बंगाल में कोरोना को लेकर सख्ती के ऐलान के साथ ही सारे धार्मिक स्थलों के साथ कालीघाट को भी बंद किया गया था।
कोलकाता: पश्चिम बंगाल में जारी कोरोना संकट के बीच बंद पड़े ऐतिहासिक शक्तिपीठ कालीघाट को फिर से मंगलवार को भक्तों के दर्शन के लिए खोल दिया गया। इसके पहले मई महीने में पश्चिम बंगाल में कोरोना को लेकर सख्ती के ऐलान के साथ ही सारे धार्मिक स्थलों के साथ कालीघाट को भी बंद किया गया था। एक माह से भी अधिक समय के बाद आज आखिरकार कालीघाट मंदिर खोल दिया गया है। भक्त सुबह 8 बजे से दोपहर 12 बजे तक मंदिर में प्रवेश कर सकेंगे। हालांकि, मंदिर के अधिकारियों ने कहा कि दर्शनार्थियों को गर्भगृह में प्रवेश करने की अनुमति नहीं दी जायेगी।
काली मंदिर के 51 शक्तिपीठों में से एक कालीघाट है। यहां माता सती के दाएं पांव के अंगूठे को छोड़कर चारों उंगलियां गिरी थी। यहां की शक्ति कालिका और भैरव नकुलेश हैं। कालीघाट में मां काली की भव्य प्रतिमा विराजमान है। इस मंदिर को जाग्रत माना जाता है। हिंदू धर्मग्रंथों में जिक्र है कि ‘कालीघाट मंदिर में पूजा करने से पुण्य मिलता है और हर मनोकामना पूरी होती है
पश्चिम बंगाल अब कोरोना संक्रमण के मामलों में कमी आई है, तो मंदिर को कोरोना नियमों के अनुसार फिर से खोल दिया गया। तारकेश्वर और तारापीठ के मंदिर पिछले सप्ताह खोले गए हैं। अब दक्षिण कोलकाता के सबसे लोकप्रिय मंदिरों में से एक कालीघाट मंदिर साल भर बड़ी संख्या में भक्तों से भरा रहता है। मंगलवार सुबह देखा मंदिर के बाहर लंबी लाइन दिखी, लेकिन सभी नियमों का पालन करते हुए लाइन में खड़े रहे।