ब्यूबोनिक प्लेग एक संक्रमण है। यह इंसानो में पिस्सू के काटने से फैलता है जो पहले ही किसी संक्रमित जानवर को खा या काट चुका होता है। ब्यूबोनिक प्लेग को ब्लैक डेथ भी कहते हैं। प्लेग एक जूनोटिक डिजीज है जो जानवरों से इंसानो में फैल सकता है और इंसानो से यह जानवरों को हो सकता है। प्लेग तीन प्रकार का होता है ब्यूबोनिक प्लेग, सेप्टिसेमिक प्लेग और न्यूमोनिक प्लेग।
ब्यूबोनिक प्लेग एक संक्रमण है। यह इंसानो में पिस्सू के काटने से फैलता है जो पहले ही किसी संक्रमित जानवर को खा या काट चुका होता है। ब्यूबोनिक प्लेग को ब्लैक डेथ भी कहते हैं। प्लेग एक जूनोटिक डिजीज है जो जानवरों से इंसानो में फैल सकता है और इंसानो से यह जानवरों को हो सकता है। प्लेग तीन प्रकार का होता है ब्यूबोनिक प्लेग, सेप्टिसेमिक प्लेग और न्यूमोनिक प्लेग।
प्लेग एक संक्रामक रोग है जो येर्सिनिया पेस्टिस नाम के एक खास प्रकार के बैक्टीरिया के कारण होता है। येर्सिनिया पेस्टिस आमतौर पर चूहों और दूसरे जंगली जानवरों को संक्रमित करता है। ब्यूबोनिक प्लेग; प्लेग का एक प्रकार है। इसके कारण लिम्फ नोड्स में सूजन आ जाती है।
बगल, कमर और गर्दन में नोड्स अंडे के आकार के हो सकते हैं और उनमें से मवाद भी निकल सकता है। सेप्टिसेमिक प्लेग में इन्फेक्शन पूरे शरीर में फैल सकता है। वहीं न्यूमोनिक प्लेग तब होता है जब फेफड़े संक्रमित हो जाते हैं।बोनिक प्लेग से प्रभावित इंसान में अचानक तेज बुखार और ठंड लगने का लक्षण नजर आता है। इसके अलावा बोनिक प्लेग से प्रभावित इंसान में पेट हाथ और पैर में दर्द के साथ सिर दर्द होता है। साथ ही लिम्फ नोड्स में सूजी हुई गांठे विकसित होना और उनमें से मवाद निकलना जैसे लक्षण दिखाई देते हैं।
वहीं सेप्टिसेमिक प्लेग के लक्षणों में तेज बुखार, पेट दर्द, त्वचा और अंगों में रक्त स्राव, स्किन का काला पड़ना, थकान, गैंग्रीन से काले टिश्यू आदि शामिल है। वहीं न्यूमोनिक प्लेग से प्रभावित इंसान में खांसी के साथ खून आना, सांस लेने में दिक्कत, कभी-कभी जी मितलाना या उल्टी की भी समस्या हो सकती है।ब्यूबोनिक प्लेग उन पिस्सू के काटने से फैलता है जो कि पहले किसी संक्रमित चूहे या अन्य जानवर को काटने संक्रमित हो चुका होता है। यह डिजीज इंसान और जानवरों के बीच फैलता है। बिल्लियों में ब्यूबोनिक प्लेग दुर्लभ है लेकिन कुत्तों की तुलना में बिल्लियां इसके प्रति ज्यादा संवेदनशील होती है। चूंकि यह संक्रमित चूहों को खा सकती हैं, ऐसे में यह मनुष्यों के लिए अधिक जोखिम पैदा करती हैं।
इन संक्रमणों से बचने के लिए चूहों, गिलहरी और अन्य जंगली जानवरों को अपने घर से दूर रखें। जानवरों को खाना खिलाते समय सावधानी बरतें।
अपने जानवरों के लिए पिस्सू कंट्रोल प्रोडक्ट्स का इस्तेमाल करें। खासतौर पर अगर वे खुलेआम घूमते हैं। बीमार पड़ने पर उन्हें तुरंत वेटरिनेरियन के पास ले जाएं। अगर आपका पालतू जानवर खुलेआम घूमता है तो उसे अपने बिस्तर से दूर रखें। यदि आप किसी मृत जानवर को छू रहे हैं तो हाथों को ग्लव्स जरुर पहने।
अगर आप ऐसी जगह पर जा रहे हैं जहां पिस्सू का खतरा हो तो आप उन्हें कंट्रोल करने वाले केमिकल का उपयोग करें।