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योग से जीवन सरल और संतुलित होता है : अविनाश चंद्र पांडेय

लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन एवं विश्विद्यालय अनुदान आयोग की संस्था इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर योगिक साइंस, बैंगलोर के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को आयोजित सातवें अंतरास्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में व्याख्यान का आयोजन किया गया।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। लखनऊ विश्वविद्यालय के फैकल्टी ऑफ योग एंड अल्टरनेटिव मेडिसिन एवं विश्विद्यालय अनुदान आयोग की संस्था इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर योगिक साइंस, बैंगलोर के संयुक्त तत्वावधान में शुक्रवार को आयोजित सातवें अंतरास्ट्रीय योग दिवस के उपलक्ष्य में व्याख्यान का आयोजन किया गया। इस क्रम में “स्वस्थ ह्रदय के लिए योग” के प्रथम सत्र में मुख्य अतिथि प्रोफेसर अविनाश चंद्र पांडेय इंटर यूनिवर्सिटी सेंटर फॉर योगिक साइंस, बैंगलोर ने बताया कि योग दर्शन विलक्षण है। योगिक जीवन शैली अपनाने से ह्रदय स्वस्थ बना रहेगा, जिसके माध्यम से शरीरिक, मानशिक एवं आध्यात्मिक लाभ प्राप्त होता है। योग से जीवन सरल और संतुलित होता है, जिससे समाज मे वसुधैव कुटुम्ब की भावना का विकास होता है।

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सिंघानिया विश्वविद्यालय के पूर्व कुलपति प्रोफेसर सोहन राज तातेड़ ने बताया कि आष्टांग योग के माध्यम से जीवन एवं शरीर की रोगों को दूर करने में मदद मिलती है ह्रदय सम्बंधित बीमारियों के लिए वीरभद्र आसन, उत्कटासन,लाभकारी है।

फैकल्टी के कोऑर्डिनेटर डॉ अमरजीत यादव ने बताया कि स्वस्थ हृदय के लिए प्रतिदिन भुजंगासन, मार्जरिआसन एवं भ्रामरी प्राणायाम का अभ्यास से ह्रदय को स्वस्थ रखने में मदद मिलती हैं।

डॉ राजीव रस्तोगी, पूर्व सहायक निदेशक, CCRYN, नई दिल्ली, ने बताया कि कोरोना काल में ह्रदय सम्बन्धित रोगों के लिए सेतुबंध आसन, उष्ट्रासन, एवं अनुलोम विलोम प्राणायाम इन सब योगिक क्रियाओ के माध्यम से शारीरिक तथा मानसिक लाभ प्राप्त होता है।

डॉ प्रकाश सी मालशे, निदेशक, अंतर प्रकाश योग केंद्र, हरिद्वार ने बताया कि आसन व प्राणायाम के माध्यम से हम अपने शरीर की ऊर्जा को बढ़ा सकते हैं तथा रक्तसंचार, ह्रदयगति को संतुलित करने के लिए विभिन्न प्रकार के आसन जैसे- वक्रासन, मंडूकासन, पवनमुक्तासन, इत्यादि से सम्बन्धित बीमारियों में लाभदायक है। वेबिनार में फ़ैकल्टी के समस्त शिक्षक, छात्र छात्राओं एव योग प्रशिक्षको ने सहभागिता की।

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