लोकसभा में प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ पर सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि कुंभ का आयोजन सदियों से होता आया है। हमारे पौराणिक और ऐतिहासिक दस्तावेज यह बताते हैं कि जिसकी भी सरकार रही होगी उसने इस तरह के महाकुंभ का आयोजन किया होगा।
नई दिल्ली: लोकसभा में प्रयागराज महाकुंभ भगदड़ पर सपा सांसद अखिलेश यादव ने कहा कि कुंभ का आयोजन सदियों से होता आया है। हमारे पौराणिक और ऐतिहासिक दस्तावेज यह बताते हैं कि जिसकी भी सरकार रही होगी उसने इस तरह के महाकुंभ का आयोजन किया होगा। एक तरफ 144 साल बाद होने वाले महाकुंभ का इतना प्रचार किया गया, मैंने तो टीवी में सुना कि सरकार ने 100 करोड़ लोगों के आने की व्यवस्था की है। अगर यह बात गलत है तो अध्यक्ष महोदय मैं आपको इस्तीफा देना चाहता हूं…।
लोकसभा में सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव जब ये जानकारी सामने आई कि कुछ लोगों की जान चली गई, तब सरकार हेलीकॉप्टर में भरकर फूल डालने लगी,ये कहां की सनातनी परंपरा है? जहां लाशें पड़ी हों, न जाने कितनी चप्पलें पड़ी थीं, महिलाओं की साड़ियां पड़ी थीं,उनको कैसे उठाया गया,ट्रैक्टर की ट्रॉली से, उन्हें उठाकर कहां फेंका, कोई नहीं जानता। उन्होंने कहा कि जब लगा कि वहां से बदबू आ रही तो सरकार के लोग छिपाने लगे,मीडिया पर दबाव और कुछ स्वीटनर भी दिए जा रहे हैं जिससे खबरें बाहर नहीं जाएं।
अखिलेश यादव कहा कि अगर मैं गलत कह रहा हूं तो नेता सदन को भाषण देना है,वह इस पर अपनी बात रखें। यादव ने कहा कि यूपी के सीएम योगी आदित्यनाथ ने शोक नहीं प्रकट किया था,जब देश के पीएम नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने शोक प्रकट किया, तब सीएम ने शोक प्रकट किया।
उन्होंने लोकसभा में मांग की कि महाकुंभ में मरने वाले लोगों के लिए मौन धारण किया जाए, महाकुंभ में मरने वालों के आंकड़े सामने लाए जाएं। महाकुंभ में आपदा प्रबंधन और खोया पाया केंद्र की जिम्मेदारी सेना को दी जाए। महाकुंभ हादसे के लिए जिम्मेदार लोगों पर घोर दंडात्मक कार्रवाई हो। जिन्होंने सच छिपाया, उनको दंडित किया जाए,अगर अपराध बोध नहीं था तो आंकड़े मिटाए क्यों गए? इस अपराध का दंड कौन भुगतेगा?