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अखिलेश यादव, बोले- 18 हज़ार एफिडेविट मिलने के बाद नहीं हुई कार्रवाई तो कौन भरोसा करेगा इलेक्शन कमीशन पर?

समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को कहा कि इतने कम समय में हम 18 हज़ार एफिडेविट (18 Thousand Affidavits) ही बनवा सके, समय अगर और होता तो शायद और एफिडेविट बनवा सकते, लेकिन 18 हज़ार एफिडेविट मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं होगी तो कौन भरोसा करेगा इलेक्शन कमीशन (Election Commission) पर?

By संतोष सिंह 
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नई दिल्ली। समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के प्रमुख अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) ने सोमवार को कहा कि इतने कम समय में हम 18 हज़ार एफिडेविट (18 Thousand Affidavits) ही बनवा सके, समय अगर और होता तो शायद और एफिडेविट बनवा सकते, लेकिन 18 हज़ार एफिडेविट मिलने के बाद भी कार्रवाई नहीं होगी तो कौन भरोसा करेगा इलेक्शन कमीशन (Election Commission) पर?

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उन्होंने कहा कि अगर चुनाव आयोग के निर्देश और कार्रवाई पर एक भी डीएम सस्पेंड हो जाए तो फिर कभी न तो वोट चोरी होगी और ना ही वोट डकैती होगी। हमारी मांग इतनी है कि एक तो जाति के आधार पर बीएलओ मत लगाए, आप उत्तर प्रदेश के आंकड़े निकलवाइये चुनाव जिस अधिकारी के अंडर होता है, उसमें एक भी PDA का अधिकारी हो तो बता देना। जबसे बीजेपी की सरकार आई है, एक भी अधिकारी शिकायत पर हटा हो तो बता दो, इसका मतलब इलेक्शन कमीशन बीजेपी का ज्यादा कहना मानता है।

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अखिलेश यादव ने कहा कि वोट बनवाने की अगर प्रक्रिया है तो वोट कटवाने की भी प्रक्रिया है, हमारी डिमांड इतनी है कि एक जिलाधिकारी को सस्पेंड कर दो पूरे देश में एक भी वोट नहीं कटेगा। 2019, 22, 24 में एक भी अधिकारी हटा हो तो बता दो। यह जानबूझकर पिछड़ों का वोट काटते हैं, इसमें बिंद, मौर्य, पाल, राठौर समाज सब शामिल हैं और शो यह करते हैं कि पिछड़ा वोट मिल रहा है। पिछड़ों का वोट काट देते हैं लिस्ट से और आप चुनाव जीत लेते हैं। सच्चाई यह है कि उनका वोट डिलीट हो रहा है।

एक उपराष्ट्रपति जो थे यहां वो कहां है?

अखिलेश यादव ने कहा कि उपराष्ट्रपति की जगह खाली है उसके बाद बनना ही था लेकिन एक उपराष्ट्रपति जो थे यहां वो कहां है?

 

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