अक्षय का अर्थ है जिसका कभी क्षय न हो। अक्षय तृतीया हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया को शुभ फल देने वाली तिथि माना गया है और इस दिन यदि शुभ कार्य किया जाए तो उसमें सफलता अवश्य प्राप्त होती है।
Akshaya Tritiya 2024 Tithi : अक्षय का अर्थ है जिसका कभी क्षय न हो। अक्षय तृतीया हर साल वैशाख महीने के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को मनाया जाता है। मान्यता है कि अक्षय तृतीया को शुभ फल देने वाली तिथि माना गया है और इस दिन यदि शुभ कार्य किया जाए तो उसमें सफलता अवश्य प्राप्त होती है। इस साल अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी। अक्षय तृतीया को आखा तीज पर्व भी कहा जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विधिवत पूजा करना और सोना-चांदी खरीदना बहुत शुभ माना जाता है।
मालव्य राजयोग
अक्षय तृतीया के दिन गजकेसरी योग और धन योग बन रहे हैं। दरअसल, अक्षय तृतीया पर सूर्य और शुक्र की मेष राशि में युति हो रही है, जिससे शुक्र आदित्य योग बन रहा है। इसके साथ ही मीन राशि में मंगल और बुध की युति से धन योग, शनि के मूल त्रिकोण राशि कुंभ में होने से शश योग और मंगल के अपनी उच्च राशि मीन में रहकर मालव्य राजयोग बना रहे हैं। इसके अलावा वृषभ राशि में चंद्रमा और गुरु की युति से गजकेसरी योग बन रहा है। इस तरह अक्षय। तृतीया पर कई राजयोग का बनना 3 राशि वालों को मालामाल कर देता है।
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि 10 मई शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी और इसका अंत 11 मई के दिन सुबह 2 बजकर 51 मिनट पर हो जाएगा। इसलिए इस साल अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी। 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
स्नान दान करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है
अक्षय तृतीया से कई मान्यताएं, और कहानियां भी जुड़ी हैं। इसे भगवान परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इतना ही नहीं इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम के अलावा विष्णु के नर और नारायण अवतार के भी इसी दिन होने की मान्यता है। यही नहीं, त्रेता युग का आरंभ भी इसी तिथि से होने की मान्यता जुड़ी हुई है। मान्यता है कि इस तिथि को उपवास और स्नान दान करने से अनंत फल की प्राप्ति होती है।