सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन सभी कार्य करने का शुभ मुहूर्त है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है।
Akshaya Tritiya 2024 : सनातन धर्म में अक्षय तृतीया का विशेष महत्व है। पौराणिक मान्यता के अनुसार, इस दिन सभी कार्य करने का शुभ मुहूर्त है। हिंदू पंचांग के अनुसार, हर वर्ष वैशाख मास की शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर अक्षय तृतीया का पर्व मनाया जाता है। देश के कई राज्यों में अक्षय तृतीया के पर्व को अबूझ मुहूर्त और आखा तीज के नाम से भी जाना जाता है। इस पवित्र दिन भगवान विष्णु और मां लक्ष्मी की आराधना करना शुभ होता है। मान्यता है कि जो लोग अक्षय तृतीया के दिन सोना खरीदते हैं, उनके घर-परिवार में सुख-शांति और धन-धान्य का वास होता है।
अक्षय तृतीया का शुभ मुहूर्त
वैदिक पंचांग के अनुसार अक्षय तृतीया की तिथि 10 मई शुक्रवार को सुबह 4 बजकर 16 मिनट से शुरू होगी और इसका अंत 11 मई के दिन सुबह 2 बजकर 51 मिनट पर हो जाएगा। इसलिए इस साल अक्षय तृतीया 10 मई को मनाई जाएगी। 10 मई 2024 को अक्षय तृतीया के दिन पूजा का शुभ मुहूर्त सुबह 5 बजकर 33 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजकर 18 मिनट तक रहेगा।
अक्षय तृतीया का महत्व
अक्षय तृतीया को लेकर कई मान्यताएं है। इस दिन को भगवान परशुराम जयंती के रूप में भी मनाया जाता है। इतना ही नहीं इस दिन भगवान विष्णु के छठे अवतार परशुराम के अलावा विष्णु के नर और नारायण अवतार के भी इसी दिन होने की मान्यता है। यही नहीं, त्रेता युग का आरंभ भी इसी तिथि से होने की मान्यता जुड़ी हुई है।
उपाय
इस दिन मां लक्ष्मी को गुलाब का फूल अर्पित कर उनकी विधि विधान से पूजा करें। इसके बाद खीर का भोग लगाएं। मान्यता है कि इससे धन की प्राप्ति होती है और सुख-समृद्धि बनी रहती है।।