ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। सूर्य के कारण ही आत्मा बलिष्ठ होती है। सूर्योपनिषद में कहा गया है, सूर्य से ही समस्त प्राणियों की उत्पत्ति होती है, पालन होता है और उन्हीं में विलय होता है।
Astro Tips : जीवन को उत्साह के साथ जीने वाले दूसरों के लिए प्रेरणा बन जाते है। निराश लोग भी उत्साही लोगों को देखकर धीरे धीरे उनका अनुसरण करने लगते है। ज्योतिष शास्त्र में सूर्य को आत्मा का कारक माना जाता है। सूर्य के कारण ही आत्मा बलिष्ठ होती है। सूर्योपनिषद में कहा गया है, सूर्य से ही समस्त प्राणियों की उत्पत्ति होती है, पालन होता है और उन्हीं में विलय होता है। भगवान सूर्य प्रत्यक्ष देवता हैं। सूर्य पुराण में सूर्य के बारे में विस्तृत वर्णन मिलता है। सूर्य की उपासना से कुष्ठ जैसे भयंकर रोग भी ठीक हो जाते हैं। सूर्य की पत्नी छाया देवी तथा पुत्र शनैश्चर व यम हैं। सूर्य देव रत्न माणिक्य के अधिदेवता हैं। वह सुवर्णमय रथ पर विराजमान रहते हैं। जिन जातकों की कुंडली में सूर्य की स्थिति कमजोर होती है उन्हें सूर्य मजबूत करने का उपाय अपनाना चाहिए। आइये जानते है दुर्भाग्य दूर करने के लिए सूर्य मजबूत करने के महाउपायों के बारे में।
1.सुबह-सुबह लाल फूल वाले पौधे या पेड़ में पानी डालना कुंडली में सूर्य को मजबूती देता है।
2.सुबह तांबे के बर्तन में रखा पानी पिएं।
3.सूर्य को मजबूत करने के लिए दान की जाने वाली वस्तुओं में आप गुड़, जौ, तांबा और लाल फूल भी दान कर सकते हैं।
4.सूर्य मजबूत करने के लिए विधि-विधान से पूजा करके हाथ में तांबे का कड़ा धारण करें।
5.पिता का सम्मान करें और उनका आशीर्वाद लें।