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Bahraich Violence : 23 आरोपियों के घरों पर नहीं चलेगा बुलडोजर, कोर्ट ने 4 नवंबर तक सरकार और पीड़ितों को साक्ष्य प्रस्तुत करने का दिया समय

यूपी के बहराइच जिले की महसी विधानसभा क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में हिंसा और राम गोपाल मिश्रा की हत्या के बाद आरोपियों पर बुलडोजर एक्शन पर 4 नवंबर तक रोक रहेगी। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को इस मामले में दोनों पक्षों को सुना। इसके बाद कोर्ट ने 4 नवंबर तक सरकार और पीड़ितों को अपने-अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने का समय दिया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी के बहराइच जिले की महसी विधानसभा क्षेत्र के महाराजगंज कस्बे में हिंसा और राम गोपाल मिश्रा की हत्या के बाद आरोपियों पर बुलडोजर एक्शन पर 4 नवंबर तक रोक रहेगी। हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने बुधवार को इस मामले में दोनों पक्षों को सुना। इसके बाद कोर्ट ने 4 नवंबर तक सरकार और पीड़ितों को अपने-अपने साक्ष्य प्रस्तुत करने का समय दिया है।

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बहराइच हिंसा मामले में मुख्य आरोपी अब्दुल हमीद के वकील कलीम हाशमी के मुताबिक, पीडब्ल्यूडी ने 23 लोगों के मकान तोड़ने का नोटिस दिया था। इस पर एपीसीआर संस्था की ओर से हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर की गई थी। जिस पर तत्काल सुनवाई करते हुए बुल्डोजर एक्शन पर रोक लगा दी थी। बुधवार को हाईकोर्ट की लखनऊ बेंच ने एक बार फिर सुनवाई करते हुए पीड़ित और सरकार पक्ष को सुना है। कोर्ट ने दोनों पक्षों सरकार और पीड़ितों को मामले में अपने अपने साक्ष्य और दस्तावेज पेश करने के आदेश दिए है। मामले में अगली सुनवाई 4 नवंबर को होगी। तब तक बहराइच में PWD के द्वारा दिए नोटिस पर रोक जारी रहेगी।

दरअसल, पिछले सप्ताह बहराइच में मूर्ति विसर्जन के दौरान महराजगंज कस्बे में डीजे को लेकर दो समुदायों में विवाद हो गया था, जो बाद में हिंसक हो गया। इस दौरान एक रामगोपाल मिश्र की गोली मारकर हत्या कर दी गई थी। कई दिनों तक इस क्षेत्र में तनाव की स्थिति रही थी और जमकर तोड़फोड़ और आगजनी हुई थी। जिन इलाकों में हिंसा भड़की थी। वहां PWD की ओर से 23 लोगों को घर को गिराने के लिए नोटिस जारी किए थे। इन घरों के मालिकों का नाम हिंसा से जुड़ी एक एफआईआर में दर्ज किया गया है। प्रशासन का कहना है कि भवनों का निर्माण अवैध तरीके से किया गया था और यह सरकारी जमीन पर खड़ी हैं। नोटिस पाने वाले तीन लोगों ने बुलडोजर एक्शन के खिलाफ कोर्ट में अर्जी दाखिल की थी।

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