दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा (Former Jharkhand Chief Minister Madhu Koda) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कोयला घोटाला (Coal Scam) मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। कोड़ा ने कोर्ट से अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग इसलिए की थी, ताकि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकें।
नई दिल्ली। दिल्ली हाईकोर्ट (Delhi High Court) ने शुक्रवार को झारखंड के पूर्व मुख्यमंत्री मधु कोड़ा (Former Jharkhand Chief Minister Madhu Koda) की उस याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें उन्होंने कोयला घोटाला (Coal Scam) मामले में अपनी सजा पर रोक लगाने की मांग की थी। कोड़ा ने कोर्ट से अपनी दोषसिद्धि पर रोक लगाने की मांग इसलिए की थी, ताकि वह आगामी विधानसभा चुनाव लड़ सकें।
जस्टिस विभू बाखरू की एकल न्यायाधीश पीठ ने याचिका को खारिज करते हुए कहा, अपीलकर्ता को किसी भी सार्वजनिक पद पर चुनाव लड़ने की सुविधा देना उचित नहीं होगा, जब तक कि वह पूरी तरह बरी न हो जाए। कोर्ट ने कहा कि कोड़ा पर प्रथम दृष्टया मामला बनता है। लेकिन अदालत यह मानने को राजी नहीं है कि सिर्फ इसी आधार पर उनकी सजा पर रोक लगाई जा सकती है। इसने कहा, मुकदमे के बाद ही अपीलकर्ता को अपराध के लिए दोषी ठहराया गया है।
निचली अदालत ने इन आरोपियों को ठहराया था दोषी
मधु कोड़ा, पूर्व कोयला सचिव एच.सी.गुप्ता, झारखंड के पूर्व मुख्य सचिव ए.के.बसु और कोड़ा के सहयोगी विजय जोशी को निचली अदालत ने तीन साल की सजा सुनाई थी। उन्हें कोलकाता स्थित कंपनी विनी आयरन एंड स्टील इंडस्ट्री लिमिटेड (VISUL) को राज्य में राजहरा नॉर्थ कोल ब्लॉक (Rajhara North Coal Block) के आवंटन में भ्रष्ट आचरण और आपराधिक साजिश रचने का दोषी ठहराया गया था।
सजा के साथ ही दोषियों पर लगाया गया था जुर्माना
कोर्ट ने यूपीए काल के कोयला घोटाला मामले में वीआईएसयूएल (VISUL) पर 50 लाख रुपये, कोड़ा पर 25 लाख रुपये और गुप्ता पर एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया था। बसु पर भी एक लाख रुपये का जुर्माना लगाया गया था। दोषियों को उनकी अपील लंबित रहने के दौरान जमानत दी गई थी। कोडा सितंबर 2006 से अगस्त 2008 तक झारखंड के मुख्यमंत्री रहे।