यूपी (UP) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में अपने संसदीय क्षेत्र तीन दिवसीय दौरे पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) अंतिम दिन रविवार 18 जून को एक कार्यक्रम में सार्वजनिक जीवन में लोगों का राजनेताओं पर से उठ रहे विश्वास पर चिंता जताई। उन्होंने इसके लिए और किसी को नहीं बल्कि राजनेताओं को ही जिम्मेदार ठहराया है।
लखनऊ। यूपी (UP) की राजधानी लखनऊ (Lucknow) में अपने संसदीय क्षेत्र तीन दिवसीय दौरे पर देश के रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) अंतिम दिन रविवार 18 जून को एक कार्यक्रम में सार्वजनिक जीवन में लोगों का राजनेताओं पर से उठ रहे विश्वास पर चिंता जताई। उन्होंने इसके लिए और किसी को नहीं बल्कि राजनेताओं को ही जिम्मेदार ठहराया है।
राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि नेता अक्सर उन बातों के लिए भी हां कर देते हैं, जिन्हें वे असल में कभी पूरा नहीं कर पाएंगे। तात्कालिक लाभ के लिए राजनीतिज्ञों की ओर से दिया जाने वाला इस तरह का बयान जनता में उनके प्रति विश्वास को कम करता है। रक्षा मंत्री ने ये बातें राजधानी में आयोजित ‘टुगेदर वी कैन राइज’ कार्यक्रम में ये बातें कहीं।
Interacting with the students in Lucknow. https://t.co/R91b4AXVY6
— Rajnath Singh (@rajnathsingh) June 18, 2023
नेता न कहना सीख जाएंगे और नौकरशाह हां करना सीख जाएंगे, उस दिन देश का कल्याण हो जाएगा
उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने सियासत में एक लंबी पारी खेली है। उन्होंने राजनीति में आई गिरावट को बेहद नजदीक से देखा है। रविवार को एक कार्यक्रम में बोलते हुए उनके मुख से ये बातें निकल ही गईं। रक्षा मंत्री ने इस कार्यक्रम में कहा, जिस दिन इस देश के नेता ना कहना सीख जाएंगे और नौकरशाह हां करना सीख जाएंगे, उस दिन देश का कल्याण हो जाएगा। राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने अपने बयान में आगे राजनेताओं को लपेटते हुए कहा कि राजनीतिज्ञ हर बात के लिए हां कह रहे हैं, यहां तक कि उन चीजों के लिए भी जो वे नहीं कर सकते हैं, इससे जनता का राजनेताओं पर से विश्वास उठ रहा है और भारत की राजनीति में विश्वसनीयता का संकट पैदा हो रहा है। कथनी और करनी में फर्क नहीं होना चाहिए ।
मन में नहीं आना चाहिए अहंकार
राजधानी में बच्चों को संबोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने कहा कि मन में कभी अहंकार नहीं आना चाहिए। उन्होंने बच्चों को प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति जैसे पद की गरिमा का जिक्र करते हुए कहा कि ये कोई व्यक्ति नहीं बल्कि संस्था होते हैं। सिंह ने बच्चों को कामयाबी का मंत्र देते हुए कहा कि धैर्य से काम लेंगे तो सफलता आपके कदम चूमेगी। राजनाथ सिंह (Rajnath Singh) ने खुद के बारे में जिक्र करते हुए कहा कि मुझे छात्र जीवन से ही राजनीति का कीड़ा कुरेदता था। देश में जब इमरजेंसी लगा था, तब मैं महज 23 साल का था और मुझे जेल जाना पड़ा था।