पंचांग: गुरुवार, 18 नवंबर, 2021 विक्रम संवत – 2078, आनन्द शक सम्वत – 1943, प्लव पूर्णिमांत – कार्तिक अमांत – कार्तिक तिथि शुक्ल पक्ष चतुर्दशी – Nov 17 09:50 AM – Nov 18 12:00 PM शुक्ल पक्ष पूर्णिमा – Nov 18 12:00 PM – Nov 19 02:27 PM नक्षत्र भरणी
पंचांग: गुरुवार, 18 नवंबर, 2021 विक्रम संवत – 2078, आनन्द शक सम्वत – 1943, प्लव पूर्णिमांत – कार्तिक अमांत – कार्तिक तिथि शुक्ल पक्ष चतुर्दशी – Nov 17 09:50 AM – Nov 18 12:00 PM शुक्ल पक्ष पूर्णिमा – Nov 18 12:00 PM – Nov 19 02:27 PM नक्षत्र भरणी
November-December shubh muhurat : नये सामान की खरीददारी के लिए मुहूर्त देखने की परंपरा बहुत पुरानी है। मुहूर्त देखकर नये काम का शुभारंभ करने से से नया काम केवल शुभ परिणाम देता है। हिंदू पंचांग के अनुसार,देवउठनी एकादशी पर तुलसी विवाह होने के साथ ही शादी-विवाह समेत, उद्घाटन, गृह प्रवेश
वास्तु टिप्स: वास्तु के अनुसार चीजें हमारे जीवन में पॉजिटिव और नेगेटिव असर डालती हैं। पर्स में कुछ चीजों को रखना अशुभ माना जाता है। कहते हैं कि यदि ये चीजें पर्स में रखी हों तो आर्थिक तंगी का सामना करना पड़ सकता है। पॉकेट यानी पर्स का वास्तु भी
Kartik Purnima 2021 : कार्तिक माह की पूर्णिमा 19 नवंबर 2021 के दिन पड़ रही है। इस दिन पवित्र नदी या घाट पर स्नान करने का विशेष महत्व है। कार्तिक पूर्णिमा पर भगवान सत्यनारायण का व्रत रखकर कथा-पूजन करने से समस्त सुखों की प्राप्ति होती है। कथा सुनने से सारे
फेंगशुई टिप्स: जीवन को पूरी ऊर्जा के साथ जीने में व्यक्ति को आनन्द का सर्वोच्च स्तर प्राप्त होता है। पूरे विश्व में जीवन को आनन्द पूर्वक जीने के लिए प्राचीन काल से ही खोज होती रही है। चीन में फेंगशुई से जुड़ी ये चीजें गुडलक या फिर कहें सौभाग्य को
शिरडी: दुनिया भर में सांईं भक्तों का शिर्डी जाने के लिए बहुत उत्सुकता देखी जाती है। लेकिन कोरोना काल में साईं दरबार बंद कर दिया था। वहीं अब अहमदनगर जिला प्रशासन (Ahmednagar District Administration) ने प्रसिद्ध शिरडी मंदिर (Shirdi Temple) में जाकर पास लेने वाले 10,000 श्रद्धालुओं को प्रतिदिन सांईंबाबा
वैकुंठ चतुर्दशी एक विशेष दिन है जिसे पवित्र माना जाता है क्योंकि यह भगवान विष्णु और भगवान शिव को समर्पित है। यह हिंदू लूनी-सौर कैलेंडर के कार्तिक महीने के शुक्ल पक्ष के 14 वें चंद्र दिवस पर मनाया जाता है। यह दिन वाराणसी, ऋषिकेश, गया और महाराष्ट्र राज्य में लोकप्रिय
Vastu Tips : आप जीवन में सौभाग्य व समृद्धि चाहते हैं, तो वास्तु से जुड़ीं छोटी-छोटी बातों का ध्यान रखना आवश्यक होता है। हम अनजाने में कई ऐसे काम करते हैं जिनके बारे में हमें पता नहीं होता कि इन कामों के करने से हमारी तरक्की रुक सकती है। गर्मी
Dream secret: मानव जैसे जैसे प्रगति के पथ पर आगे बढ़ता गया वैसे वैसे उसने सपनों में छिपे रहस्यों को जानने के लिए प्रयास किया। सपने प्राचीन काल से ही आकर्षण का विषय रहें है। रात में सोते समय अस्पष्ट दिखने वाली कहानी का सुबह जगनें पर सही अर्थ जानने
shakun shastra: जीवन की राह में आने वाली बाधाओं से मुकाबला करने के लिए हमारे धर्म शास्त्रों में उचित मार्गदर्शन किया गया है। धर्म ग्रंथों में वर्णित बातों के आधार पर मन में उठने वाले संशय पर समाधान मिल जाता है। शुभ -अशुभ और शकुन -अपशकुन के प्रश्न पर शकुन
मेष राशिफल आज का दिन आत्मविश्वास से भरपूर रहेगा। आपको लाभ होगा। युवाओं को कैरियर से जु़ड़ी जानकारी मिलेगी। आज खर्च ज्यादा हो सकता है। आज दोस्तों की मदद से आपके कार्य आगे बढ़ेंगे। आज का दिन खुशनुमा रहेगा। आप बड़ा कार्य पूरा पाएंगे। सामाजिक स्थिति मजबूत होगी। मान-सम्मान में
पंचांग: बुधवार, 17 नवंबर, 2021 विक्रम संवत – 2078, आनन्द शक सम्वत – 1943, प्लव पूर्णिमांत – कार्तिक अमांत – कार्तिक तिथि शुक्ल पक्ष त्रयोदशी – Nov 16 08:02 AM – Nov 17 09:50 AM शुक्ल पक्ष चतुर्दशी – Nov 17 09:50 AM – Nov 18 12:00 PM नक्षत्र अश्विनी
Pushya Nakshatra: ज्योतिष में नक्षत्रों की शक्ति को बहुत ही बली माना जाता है। वैदिक ज्योतिष शास्त्र तो पूरी तरह ग्रह नक्षत्रों पर ही आधारित है। 24-25 नवम्बर को पुष्य नक्षत्र का विशिष्ट संयोग बन रहा है। ज्योतिषशास्त्र एवं प्राचीन ग्रंथों के अनुसार पुष्य को तिष्य अर्थात शुभ या माँगलिक
Guru Nanak Jayanti 2021: सिखों के लिए गुरु नानक जयंती बहुत बड़ा त्यौहार होता है। यह दीपावली की तरह ही धूमधाम से मनाया जाता है। गुरु नानक देव जी ने ही सिख धर्म की स्थापना की थी। गुरु नानक देव को उनके भक्त नानक देव, बाबा नानक और नानकशाह के
बैकुंठ चतुर्दशी 2021: जगत में भगवान शिव और भगवान विष्णु का मिलन को बहुत ही धूम धम पूर्वक मनाया जाता है। बैकुंठ चतुर्दशी के दिन दोनों देवों का मिलन होता है। यह दिन बहुत ही पुनीत माना जाता।कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष की चतुर्दशी तिथि को बैकुंठ चौदस के नाम