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अवैध खनन के मामले में अखिलेश यादव को CBI ने थमाया नोटिस, बतौर गवाह 29 फरवरी को हों पेश

यूपी में अवैध खनन मामले (Illegal Mining Case) में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को तलब किया है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)  को 29 फरवरी को दिल्ली में सीबीआई (CBI) के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया है। अखिलेश को बतौर गवाह पेश होने के लिए कहा गया है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। यूपी में अवैध खनन मामले (Illegal Mining Case) में सेंट्रल ब्यूरो ऑफ इन्वेस्टीगेशन (CBI) ने समाजवादी पार्टी (Samajwadi Party) के राष्ट्रीय अध्यक्ष और यूपी के पूर्व सीएम अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को तलब किया है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)  को 29 फरवरी को दिल्ली में सीबीआई (CBI) के सामने पेश होने के लिए बुलाया गया है। अखिलेश को बतौर गवाह पेश होने के लिए कहा गया है।

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अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)  को बतौर गवाह पेश होने के लिए कहा गया है। इसका खुलासा उन्होंने खुद ही राजधानी में एक न्यूज चैनल के कार्यक्रम में किया है। अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav)  ने कहा कि पिछले चुनाव से पहले भी एक नोटिस आया था और इस चुनाव में भी एक नोटिस आया है।

बता दें कि केंद्रीय जांच एजेंसी (CBI)  ने अखिलेश को सीआरपीसी की धारा 160 के तहत नोटिस जारी किया है। उन्हें 21 फरवरी को नोटिस जारी किया गया है। अखिलेश को 29 फरवरी को दिल्ली में सीबीआई (CBI) के सामने पेश होने के लिए कहा गया है। नोटिस में कहा गया है कि जवाब देने के लिए अखिलेश यादव (Akhilesh Yadav) को सीबीआई (CBI)  के सामने उपस्थित होना होगा। अखिलेश को जनवरी 2019 में दर्ज की गई सीबीआई (CBI)   की उस एफआईआर (FIR)  के संबंध में तलब किया गया है, जो हमीरपुर में 2012-2016 के बीच कथित अवैध खनन (Illegal Mining) से संबंधित है। जनवरी 2019 में तत्कालीन जिला मजिस्ट्रेट, खनन अधिकारी और अन्य सहित कई लोक सेवकों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई थी। एफआईआर (FIR) में आरोप है कि सरकारी कर्मचारियों ने हमीरपुर में खनिजों का अवैध खनन (Illegal Mining ) होने दिया।

दर्ज की गई एफआईआर (FIR) में कहा गया है कि आपराधिक साजिश में सरकारी कर्मचारियों ने निविदा प्रक्रिया का पालन किए बिना अवैध रूप से नए पट्टे और नवीकरण पट्टे दिए। लोगों को अवैध रूप से छोटे खनिजों का उत्खनन करने की अनुमति दी गई। साथ ही लघु खनिजों की चोरी करने और धन उगाही करने की अनुमति दी गई।

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