स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जमकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए 30 जून तक की मोहलत मांगने से जुड़ी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने एसबीआई (SBI) से कई सख्त सवाल पूछे।
नई दिल्ली। स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) के इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) मामले में सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने जमकर फटकार लगाई है। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) की जानकारी सार्वजनिक करने के लिए 30 जून तक की मोहलत मांगने से जुड़ी स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) की याचिका पर सुनवाई के दौरान सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के चीफ जस्टिस डीवाई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने एसबीआई (SBI) से कई सख्त सवाल पूछे। CJI चंद्रचूड़ ने SBI से पूछा कि हमारे आदेश के 26 दिनों के बाद से आपने क्या किया? इसकी जानकारी आपको अपनी याचिका में देनी चाहिए थी।
इसके अलावा सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की तरफ से एसबीआई (SBI) के खिलाफ दाखिल अवमानना की याचिका पर भी सुनवाई करेगा। सीनियर एडवोकेट हरीश साल्वे ने कोर्ट को बताया है कि बैंक को जानकारी जुटाने के लिए और समय की जरूरत है। उन्होंने इसके लिए मामले की संवेदनशीलता का हवाला दिया और पूरी प्रक्रिया में नाम नहीं होने की बात कही। उन्होंने बताया कि डोनर की जानकारी को बैंक की तय शाखाओं में सील बंद लिफाफे में रखा जाता है।
इसपर सीजेआई चंद्रचूड़ (CJI Chandrachud) ने एसबीआई (SBI) पर सवाल उठाए और कहा कि आप कह रहे हैं कि जानकारियों को सीलबंद लिफाफे में रखा गया और मुंबई ब्रांच में जमा कराया गया है। हमारे निर्देश जानकारियों का मिलान करने के लिए नहीं थे। हम चाहते थे कि SBI दानदाताओं की जानकारी सामने रखे। आप आदेश का पालन क्यों नहीं कर रहे हैं?’ सीजेआई चंद्रचूड़ (Chief Justice DY Chandrachud) ने कहा कि यह बेहद गंभीर मामला है। यह संविधान पीठ का आदेश है। आपको कोर्ट के आदेश के मुताबिक काम करना होगा। आपको चुनाव आयोग के साथ जानकारी साझा करनी होगी।
एसबीआई (SBI) की याचिका पर चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़, जस्टिस संजीव खन्ना ,जस्टिस बी आर गवई, जस्टिस जेबी पारदीवाला और जस्टिस मनोज मिश्रा की पांच जजों की बेंच ने सोमवार को सुनवाई की। इस मामले एसबीआई (SBI) की तरफ से पेश वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने दलील दी कि इलेक्टोरल बॉन्ड (Electoral Bonds) खरीदने की तारीख और खरीदने वाले का नाम एक साथ उपलब्ध नहीं है, उसे कोड किया गया है। उसे डिकोड करने में समय लगेगा। इस पर सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) ने आपत्ति जताते हुए कई गंभीर सवाल किए।
करीब 40 मिनट की सुनवाई के बाद सुप्रीम कोर्ट की 5 जजों की संविधान पीठ ने कहा कि SBI 12 मार्च तक सारी जानकारी का खुलासा करे। इलेक्शन कमीशन सारी जानकारी को इकट्ठा कर 15 मार्च शाम 5 बजे तक इसे वेबसाइट पर पब्लिश करे। SBI अपने चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर का एफिडेविट फाइल करें कि दिए गए आदेशों का पालन करेंगे। हम अभी कोई कंटेंप्ट नहीं लगा रहे हैं, लेकिन SBI को नोटिस देते हैं कि अगर आज के आदेश का वक्त रहते पालन नहीं किया तो हम उसके खिलाफ कानूनी कार्रवाई कर सकते हैं।
दरअसल, सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की 5 जजों की संविधान पीठ ने 15 फरवरी को इलेक्टोरल बॉन्ड की बिक्री पर रोक लगा दी थी। साथ ही SBI को 12 अप्रैल 2019 से अब तक खरीदे गए इलेक्टोरल बॉन्ड की जानकारी 6 मार्च तक इलेक्शन कमीशन को देने का निर्देश दिया था। 4 मार्च को SBI ने सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में याचिका लगाकर इसकी जानकारी देने के लिए 30 जून तक का वक्त मांगा था। इसके अलावा कोर्ट एसोसिएशन फॉर डेमोक्रेटिक रिफॉर्म्स (ADR) की उस याचिका पर भी सुनवाई करेगा, जिसमें 6 मार्च तक जानकारी नहीं देने पर SBI के खिलाफ अवमानना का केस चलाने की मांग की गई थी।