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Cloudflare Down: दुनियाभर में क्लाउडफ्लेयर सर्विस पड़ी ठप, नेटिज़न्स ने एक्स पर ला दी शिकायतों की बाढ़

Cloudflare Down: दुनिया भर के इंटरनेट यूज़र्स ने शुक्रवार को क्लाउडफ्लेयर की सर्विसेज़ में रुकावट की शिकायत की। इस आउटेज से कई वेबसाइट्स, जैसे कैनवा और ट्रैकिंग वेबसाइट डाउनडिटेक्टर पर असर पड़ा, जिससे कई यूज़र्स ज़रूरी सर्विसेज़ एक्सेस नहीं कर पाए। जिसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर क्लाउडफ्लेयर ट्रेंड करने लगा। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ग्रो और ज़ेरोधा भी आउटेज से प्रभावित हुए। हालांकि, ज़ेरोधा ने बाद में कहा कि उसकी काइट सर्विसेज़ अब पूरी तरह से ठीक हो गई हैं।

By Abhimanyu 
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Cloudflare Down: दुनिया भर के इंटरनेट यूज़र्स ने शुक्रवार को क्लाउडफ्लेयर की सर्विसेज़ में रुकावट की शिकायत की। इस आउटेज से कई वेबसाइट्स, जैसे कैनवा और ट्रैकिंग वेबसाइट डाउनडिटेक्टर पर असर पड़ा, जिससे कई यूज़र्स ज़रूरी सर्विसेज़ एक्सेस नहीं कर पाए। जिसके बाद सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर क्लाउडफ्लेयर ट्रेंड करने लगा। ट्रेडिंग प्लेटफॉर्म ग्रो और ज़ेरोधा भी आउटेज से प्रभावित हुए। हालांकि, ज़ेरोधा ने बाद में कहा कि उसकी काइट सर्विसेज़ अब पूरी तरह से ठीक हो गई हैं।

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ज़ेरोधा ने कहा, “क्लाउडफ्लेयर ग्लोबल आउटेज ठीक हो गया है। काइट सर्विसेज़ ठीक हो गई हैं। अब आप नॉर्मल तरीके से ट्रेड कर सकते हैं। हमें हुई परेशानी के लिए खेद है।” क्लाउडफ्लेयर ने एक बयान जारी कर कहा कि उसने अपने डैशबोर्ड से जुड़े एप्लीकेशन प्रोग्रामिंग इंटरफेस (APIs) की एक समस्या को ठीक कर दिया है। इस आउटेज की वजह से प्रीमार्केट ट्रेडिंग में शेयर 4.5% नीचे आ गए थे। यह लगभग एक महीने में दूसरा आउटेज था। नवंबर में, क्लाउडफ्लेयर में एक रुकावट आई थी जिससे कुछ समय के लिए Spotify से लेकर ChatGPT और यहाँ तक कि प्रेसिडेंट डोनाल्ड ट्रंप के ट्रुथ सोशल प्लेटफॉर्म तक कई ऑनलाइन सर्विस पर असर पड़ा था।

क्लाउडफ्लेयर ज़रूरी इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर देता है, जिसमें ऐसी सर्विस शामिल हैं जो वेबसाइटों को साइबर अटैक से बचाती हैं और ज़्यादा ट्रैफिक के दौरान उन्हें एक्सेस करने में मदद करती हैं। बता दें कि क्लाउडफ्लेयर एक बड़ी इंटरनेट इंफ्रास्ट्रक्चर कंपनी है। यह वेबसाइट को तेज़ी से लोड होने में मदद करती है और उन्हें साइबर अटैक से बचाती है। यह यूज़र्स और वेबसाइट के बीच एक मिडिल लेयर की तरह काम करती है। क्योंकि बहुत सी कंपनियां क्लाउडफ्लेयर पर निर्भर हैं, इसलिए इसके सिस्टम में कोई प्रॉब्लम होने पर कई वेबसाइट क्रैश हो सकती हैं—भले ही वे एक-दूसरे से जुड़ी न हों।

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