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सीएम योगी, बोले-यूपी में कार्य करने वाले युवाओं को मिलेगी न्यूनतम वेतन की गारंटी, कंपनी या नियुक्ता नहीं कर पाएगा कर्मचारी का शोषण

यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रदेश में कार्य करने वाले प्रत्येक युवा को न्यूनतम वेतन की गारंटी (Minimum Salary Guarantee) दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी कंपनी या नियुक्ता कर्मचारी का शोषण नहीं कर पाएगा।

By संतोष सिंह 
Updated Date

लखनऊ। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath) ने कहा कि प्रदेश में कार्य करने वाले प्रत्येक युवा को न्यूनतम वेतन की गारंटी (Minimum Salary Guarantee) दी जाएगी। उन्होंने कहा कि कोई भी कंपनी या नियुक्ता कर्मचारी का शोषण नहीं कर पाएगा। नियुक्ति देने वाली कंपनियां अपने कर्मचारियों को न्यूनतम वेतन (Minimum Salary) सुनिश्चित करेंगी, जबकि इसके अतिरिक्त चार्जेज की जिम्मेदारी सरकार उठाएगी। मुख्यमंत्री ने साफ कहा कि यह व्यवस्था युवाओं को सम्मानजनक रोजगार, नौकरी की सुरक्षा और उनके अधिकारों की रक्षा सुनिश्चित करेगी।

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मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Chief Minister Yogi Adityanath)  लखनऊ में आयोजित तीन दिवसीय “रोजगार महाकुंभ 2025” का शुभारंभ के अवसर पर कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश देश का पहला ऐसा राज्य बन रहा है, जहां काम करने वाले हर युवा को न्यूनतम मजदूरी (Minimum Wage) और न्यूनतम वेतन की गारंटी (Minimum Salary Guarantee)सुनिश्चित की जा रही है। मुख्यमंत्री ने युवाओं को अपार ऊर्जा का स्रोत बताते हुए कहा कि उत्तर प्रदेश की सबसे बड़ी युवा आबादी इस राज्य के लिए सौभाग्य है। उन्होंने कहा कि आज यूपी की प्रतिभा की मांग देश-दुनिया में हो रही है, और जो प्रदेश कभी रोजगार के लिए पलायन का दंश झेलता था, आज वही रोजगार उपलब्ध करा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि कभी पूरा-का-पूरा गांव रोजगार के लिए प्रदेश छोड़कर पलायन करता था, लेकिन आज वही उत्तर प्रदेश अपने भीतर ही रोजगार के अवसर उपलब्ध करा रहा है। यह परिवर्तन बीते 8 वर्षों में हुए सुनियोजित प्रयासों का परिणाम है। उन्होंने कहा कि आज यूपी की प्रतिभा की मांग केवल देश में ही नहीं, बल्कि दुनिया भर में हो रही है। उन्होंने कहा कि यह आयोजन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के मिशन रोजगार और विकसित भारत के संकल्प का हिस्सा है। हर युवा को उसकी योग्यता के अनुसार काम मिलना जरूरी है। जहां अवसर मिला, वहां इन युवाओं ने अपनी प्रतिभा और सामर्थ्य से लोहा मनवाया है

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में “एक जिला एक उत्पाद” (ODOP) योजना के जरिए परंपरागत उद्यमों को नई पहचान दी गई है। एमएसएमई सेक्टर में 96 लाख यूनिट पुनर्जीवित हुए हैं। कोरोना काल में जब 40 लाख से अधिक प्रवासी कामगार लौटे, तब इन्हीं एमएसएमई यूनिट्स ने 90 प्रतिशत को रोजगार दिया, और वे आज भी उसी व्यवस्था से जुड़े हैं।

सीएम योगी ने बताया कि प्रदेश सरकार ने एमएसएमई यूनिट्स का रजिस्ट्रेशन करवाने वाले उद्यमियों को 5 लाख रुपये का सुरक्षा बीमा कवर उपलब्ध कराया है। उन्होंने कहा कि यदि प्रत्येक यूनिट 2 से 10 युवाओं को रोजगार दे रही है, तो लाखों-करोड़ों लोग प्रदेश में सम्मानजनक काम पा रहे हैं। यही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘वोकल फॉर लोकल’ और ‘आत्मनिर्भर भारत’ के सपने को साकार कर रहा है।

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लोगों को संबोधित करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनथ ने कहा कि परंपरागत कारीगरों और हस्तशिल्पियों को सम्मान देने के लिए “विश्वकर्मा श्रम सम्मान” और “पीएम विश्वकर्मा” योजनाएं लागू की गई हैं। बढ़ई, राजमिस्त्री, लोहार, सोनार, कुम्हार, मोची, नाई जैसे परंपरागत कामगारों को मुफ्त टूलकिट, सस्ता ऋण और ट्रेनिंग दी जा रही है। इसके जरिए लाखों लोगों को रोजगार और सम्मान मिला है। उन्होंने कहा कि 24 जनवरी 2025 को शुरू हुई “सीएम युवा उद्यमी स्कीम” के तहत 21 से 40 वर्ष तक के युवाओं को बिना गारंटी ब्याजमुक्त ऋण उपलब्ध कराया जा रहा है। इसमें किसी भी युवा की उसकी जाति उसका मत उसका मजहब उसका चेहरा देखकर के नहीं बल्कि उसकी रुचि के अनुसार उसे यह सुविधा उपलब्ध करवाई जा रही है। अब तक 70,000 से अधिक युवाओं ने इस स्कीम से जुड़कर अपने उद्यम स्थापित किए हैं।

सीएम योगी ने कहा कि बीते 8 वर्षों में पारदर्शिता के साथ 8.5 लाख युवाओं को सरकारी नौकरियां दी गई हैं। इसमें पुलिस विभाग, शिक्षा, स्वास्थ्य, कृषि, पीडब्ल्यूडी और विश्वविद्यालयों में भी बड़ी संख्या में नियुक्तियां हुई हैं। इतने कम समय में इतनी बड़ी संख्या में युवाओं को सरकारी नौकरी उपलब्ध करवाने वाला देश के अंदर सबसे बड़े राज्य के रूप में उत्तर प्रदेश की गिनती आती है।

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अपराध और अपराधियों के प्रति जीरो टॉलरेंस नीति के चलते प्रदेश निवेशकों की पहली पसंद बना है। पिछले 8 वर्षों में 33 से अधिक सेक्टोरियल पॉलिसी लागू की गईं। इन्वेस्ट यूपी पोर्टल, निवेश मित्र और सिंगल विंडो प्लेटफॉर्म के जरिए पारदर्शी व्यवस्था बनाई गई। परिणामस्वरूप 15 लाख करोड़ रुपये से अधिक के निवेश जमीनी स्तर पर उतरे हैं और 60 लाख युवाओं को रोजगार मिला है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश स्टार्टअप मिशन और स्किल डेवलपमेंट मिशन के जरिए युवाओं को नई तकनीकों जैसे आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, ड्रोन टेक्नोलॉजी, रोबोटिक्स और इंटरनेट ऑफ थिंग्स की ट्रेनिंग दी जा रही है। टाटा टेक्नोलॉजी के सहयोग से आईटीआई और पॉलिटेक्निक संस्थानों में नई लैब और कोर्स शुरू किए गए हैं। उन्होंने कहा कि विदेश जाने वाले युवाओं को भाषा प्रशिक्षण भी दिया जा रहा है। जर्मनी जाने वालों को जर्मन भाषा, जापान जाने वालों को जापानी और अन्य देशों में जाने वालों को उनकी भाषाओं का प्रशिक्षण दिया जा रहा है ताकि वहां पहुंचने के बाद युवाओं को प्रशिक्षण या भाषा की वजह से कठिनाई न झेलनी पड़े। साथ ही उन्होंने कहा कि हर टेक्नोलॉजी हमेशा एक जैसी नहीं रहती, वह समय के अनुरूप बदलती है हमें समाज के मांग के अनुरूप अपने आप को अपडेट करना होगा।

मुख्यमंत्री ने कहा कि श्रमिकों के हितों की रक्षा और उद्योगों की सुचारुता दोनों को ध्यान में रखते हुए श्रम कानूनों में सुधार किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि किसी भी आउटसोर्सिंग कंपनी के माध्यम से श्रमिक का शोषण नहीं होने दिया जाएगा। श्रमिक का पूरा वेतन मिलना अनिवार्य होगा, जबकि अतिरिक्त चार्जेज सरकार अपने स्तर पर वहन करेगी।

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मुख्यमंत्री ने कहा कि यह रोजगार महाकुंभ युवाओं और इंडस्ट्री को जोड़ने का मंच है। इससे न केवल नौकरियां मिलेंगी बल्कि नई टेक्नोलॉजी की मांग के अनुरूप ट्रेनिंग और कोर्स भी तय होंगे। उन्होंने कहा कि जब श्रमिक और अन्नदाता खुशहाल होंगे, तब ही देश और प्रदेश खुशहाल होगा। यह सुनिश्चित होते ही विकसित भारत और विकसित उत्तर प्रदेश को दुनिया की कोई ताकत नहीं रोक पाएगी।

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