India-Pakistan tension: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए अलग-अलग राजनीतिक दलों के सांसदों को विदेश भेजने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 40 सांसदों का 7 डेलीगेशन अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई समेत अन्य देशों की यात्रा करेगा। इसके लिए सरकार ने विपक्षी दलों से उनके सांसदों के नाम मांगे थे। वहीं, कांग्रेस ने अपने चार सांसदों के नाम की लिस्ट सरकार को दे दी है।
India-Pakistan tension: ऑपरेशन सिंदूर के बाद भारत सरकार ने आतंकवाद को पनाह देने वाले पाकिस्तान को बेनकाब करने के लिए अलग-अलग राजनीतिक दलों के सांसदों को विदेश भेजने का फैसला किया है। रिपोर्ट्स के अनुसार, 40 सांसदों का 7 डेलीगेशन अमेरिका, ब्रिटेन, यूएई समेत अन्य देशों की यात्रा करेगा। इसके लिए सरकार ने विपक्षी दलों से उनके सांसदों के नाम मांगे थे। वहीं, कांग्रेस ने अपने चार सांसदों के नाम की लिस्ट सरकार को दे दी है।
कांग्रेस के महासचिव और सांसद जयराम रमेश ने शनिवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर लिखा, ‘कल सुबह संसदीय कार्य मंत्री किरेन रिजिजू ने कांग्रेस अध्यक्ष और लोकसभा में विपक्ष के नेता से बात की। कांग्रेस से पाकिस्तान से आतंकवाद पर भारत के रुख को स्पष्ट करने के लिए विदेश भेजे जाने वाले प्रतिनिधिमंडलों के लिए 4 सांसदों के नाम प्रस्तुत करने को कहा गया। कल 16 मई को दोपहर तक लोकसभा में विपक्ष के नेता ने संसदीय कार्य मंत्री को कांग्रेस की ओर से निम्नलिखित नाम देते हुए पत्र लिखा। 1. श्री आनंद शर्मा, पूर्व केंद्रीय कैबिनेट मंत्री 2. श्री गौरव गोगोई, उपनेता, कांग्रेस लोकसभा 3. डॉ. सैयद नसीर हुसैन, सांसद, राज्यसभा 4. श्री राजा बरार, सांसद, लोकसभा…’
Yesterday morning, the Minister of Parliamentary Affairs Kiren Rijiju spoke with the Congress President and the Leader of the Opposition in the Lok Sabha. The INC was asked to submit names of 4 MPs for the delegations to be sent abroad to explain India's stance on terrorism from…
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) May 17, 2025
हालांकि, केरल के तिरुवनंतपुरम से सांसद और कांग्रेस के वरिष्ठ नेता शशि थरूर का नाम न शामिल किया जाना बेहद चौंकाने वाला है, क्योंकि थरूर की अंतरराष्ट्रीय मामलों की समझ और UN कार्यकाल को देखते हुए कांग्रेस के लिए उन्हें न भेजने का फैसला काफी मुश्किल माना जा रहा था। पार्टी के इस फैसले से थरूर को लेकर नाराजगी साफ जाहिर हो रही है। थरूर पार्टी में अनदेखी से नाराज बताए जा रहे हैं और कई मौकों पर मोदी सरकार की नीतियों का खुलकर समर्थन करते रहे हैं। दूसरी तरफ, हाल ही में हुई कांग्रेस वर्किंग कमेटी की बैठक के बाद सूत्रों ने बताया था कि पार्टी मान रही है कि भारत और पाकिस्तान के मुद्दे पर अपने बयानों से शशि थरूर ने लक्ष्मण रेखा लांघ दी है।