मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, यूपी व बिहार सहित देश के विभिन्न राज्यों में, बाढ़ संरक्षण सम्बंधी उपायों के सरकारी दावों के बावजूद, लाखों परिवार हर साल बाढ़ की भयानक तबाही झेलते हैं तथा उनके जान-माल, पशुधन व खेती-किसानी आदि बुरी तरह से प्रभावित होते हैं जिससे उनका जीवन फिर से कष्टमय हो जाता है, यह चिन्तनीय।
लखनऊ। बरसात शुरू होने से पहले बसपा सुप्रीमो मायावती ने बाढ़ से प्रभावित होने वाले लोगों के लिए ईमानदारी से काम करने की नसीहत दी है। उन्होंने कहा कि, बाढ़ संरक्षण के सरकारी स्कीमों में फैले भ्रष्टाचार के कारण सही से काम नहीं होता है, जिसके कारण लाखों परिवार हर साल बाढ़ की तबाही झेलते हैं।
मायावती ने सोशल मीडिया एक्स पर लिखा कि, यूपी व बिहार सहित देश के विभिन्न राज्यों में, बाढ़ संरक्षण सम्बंधी उपायों के सरकारी दावों के बावजूद, लाखों परिवार हर साल बाढ़ की भयानक तबाही झेलते हैं तथा उनके जान-माल, पशुधन व खेती-किसानी आदि बुरी तरह से प्रभावित होते हैं जिससे उनका जीवन फिर से कष्टमय हो जाता है, यह चिन्तनीय।
उन्होंने आगे लिखा, जबकि इसका प्रमुख कारण है बाढ़ संरक्षण की सरकारी स्कीमों में फैला भ्रष्टाचार, जिसके प्रति यूपी सरकार को भी बैठकों से आगे जाकर जमीनी स्तर पर ईमानदारी से सक्रियता व सख्ती करने की जरूरत है, ताकि बाढ़ प्रभावित करोड़ों लोगों की सही से मदद हो सके व उनका जीवन त्रस्त ना बना रहे।
बरसात शुरू होने से पहले सताने लगा बाढ़ का डर
उत्तर प्रदेश के कई हिस्सों में बरसात शुरू होने से पहले लोगों को बाढ़ का डर सताने लगा है। बाढ़ और कटान की रोकथाम के लिए सरकार की तरफ से कई दावे किए जाते हैं लेकिन वो जमीन पर नहीं दिखाई देते। पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र में भी बाढ़ को लेकर तमाम दावे किए जाते हैं लेकिन बरसात शुरू होते ही इसकी हकीकत सामने आ जाती और हजारों लोग बाढ़ की चपेट में आ जाते हैं।