देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागते हैं। इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है।
Dev Uthani Ekadashi 2025 : देवउठनी एकादशी के दिन भगवान विष्णु के योगनिद्रा से जागते हैं। इस दिन से शुभ कार्यों की शुरुआत होती है। ज्योतिष उपायों के अनुसार, इस दिन भगवान विष्णु, मां लक्ष्मी और तुलसी की पूजा से दरिद्रता दूर होती है और सुख-समृद्धि मिलती है। तुलसी विवाह, शालिग्राम पूजा, दीपदान, और दान जैसे उपाय करने से आर्थिक स्थिरता, दांपत्य सुख और कार्यक्षेत्र में सफलता प्राप्त होती है।
देवउठनी एकादशी 2025 तिथि
ज्योतिष पंचांग के मुताबिक कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष की तिथि 01 नवंबर को सुबह 09 बजकर 12 मिनट पर आरंभ होगी। वहीं इस तिथि का अंत 02 नवंबर को सुबह 07 बजकर 32 मिनट पर होगा। ऐसे में देवउठनी एकादशी 01 नवंबर को मनाई जाएगी।
शास्त्रों के अनुसार भगवान विष्णु को पौधों में तुलसी, महीनों में कार्तिक, दिवसों में एकादशी विशेष प्रिय है। इस दिन घी का दीपक जलाकर मां तुलसी को प्रसन्न करना चाहिए। इससे आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है और सुख-समृद्धि की प्राप्ति होती है।
देवउठनी एकादशी पर शालिग्राम का अभिषेक करने से सम्पूर्ण तीर्थों में स्नान के बराबर और समस्त यज्ञों को करने समान ही पुण्य फल की प्राप्ति होती है।
इस दिन अन्न और धन के अलावा लोगों को ऋतुफल, धान, मक्का, गेहूं, बाजरा, गुड़, उड़द और वस्त्र का दान अवश्य करना चाहिए। आर्थिक तंगी से छुटकारा मिलता है।