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वक्फ बिल की बनी 428 पन्नों की रिपोर्ट में से 281 पन्नों पर असहमति नोट,जेपीसी अध्यक्ष ने विपक्ष पर रवैये पर उठाए सवाल

वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर संयुक्त संसदीय समिति ( JPC) आज अपनी रिपोर्ट संसद में सौंप सकती है। इसे लेकर संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल (JPC Chairman Jagdambika Pal) ने कहा कि विपक्ष एक खास तरह के एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली। वक्फ संशोधन विधेयक (Waqf Amendment Bill) को लेकर संयुक्त संसदीय समिति ( JPC) आज अपनी रिपोर्ट संसद में सौंप सकती है। इसे लेकर संसदीय समिति के अध्यक्ष जगदंबिका पाल (JPC Chairman Jagdambika Pal) ने कहा कि विपक्ष एक खास तरह के एजेंडे को आगे बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। विपक्ष ने वक्फ बिल (Waqf Bill) को लेकर बनी 428 पन्नों की रिपोर्ट में से 281 पन्नों पर असहमति नोट पेश किया गया है। उन्होंने कहा कि सभी पक्षकारों से बात करने और विचारों पर गौर करने के बाद अंतिम रिपोर्ट तैयार की गई है।

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जेपीसी अध्यक्ष जगदंबिका पाल (JPC Chairman Jagdambika Pal) ने कहा कि विपक्ष ने जैसे यह कहकर जेपीसी को गुमराह करने की कोशिश की थी कि अगर बिल पारित हो जाता है तो सभी वक्फ संपत्तियां छीन ली जाएंगीं, ठीक उसी तरह से वह देश में एक खास एजेंडे को आगे बढ़ाकर तुष्टिकरण की कोशिश कर रहे हैं। हमने जेपीसी की बैठकों में वक्फ बोर्ड, अल्पसंख्यक आयोग, सरकारी अधिकारी, हितधारक और इस्लामी विद्वान सभी को गवाह के रूप में बुलाकर बात की और उनको सुना। इसके बाद हमने 428 पन्नों की रिपोर्ट तैयार की है और हमने रिपोर्ट स्पीकर को सौंप दी है।

जेपीसी अध्यक्ष ने कहा कि 428 पन्नों की रिपोर्ट में हमने हर खंड में संशोधन का अनुरोध किया था। ओवैसी, नसीर हुसैन और अन्य सभी ने अपना इनपुट दिया था। हमने उनके संशोधन के आधार पर मतदान किया और बहुमत के आधार पर संशोधन को स्वीकार कर लिया। विपक्ष ने 281 पन्नों पर असहमति नोट दिया था। जब सदन में रिपोर्ट पेश की जाएगी तो सभी असहमति नोट भी शामिल किए जाएंगे। अब संसदीय लोकतंत्र में और क्या किया जा सकता है? जेपीसी अध्यक्ष ने कहा कि जब स्पीकर साहब एजेंडा देगें और कार्य समिति सहमत होगी, तब हम इसे पेश करेंगे।

लोकसभा अध्यक्ष को सौंपी गई रिपोर्ट

इससे पहले 30 जनवरी को वक्फ (संशोधन) विधेयक पर विचार करने वाली संयुक्त संसदीय समिति (जेपीसी) के अध्यक्ष जगदंबिका पाल ने 655 पेज वाली रिपोर्ट लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को सौंपी थी। हालांकि, विपक्षी सांसदों ने इसे असांविधानिक करार दिया था। उनका आरोप है कि यह कदम वक्फ बोर्डों को बर्बाद कर देगा।

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8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति को भेजा गया था

वक्फ (संशोधन) विधेयक, 2024 को केंद्रीय अल्पसंख्यक कार्य मंत्री किरेन रिजिजू (Union Minister for Minority Affairs Kiren Rijiju) की ओर से लोकसभा में पेश किए जाने के बाद 8 अगस्त, 2024 को संयुक्त संसदीय समिति (JPC) को भेजा गया था। विधेयक का मकसद वक्फ संपत्तियों को विनियमित और प्रबंधित करने से जुड़े मुद्दों और चुनौतियों का समाधान करने के लिए वक्फ अधिनियम, 1995 में संशोधन करना है।

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