गर्मियों में बारिश भले ही गर्मी से राहत दे देती है। लेकिन अपने साथ ही कई और मुसिबतों को अपने साथ लेकर आती है। उनमें से एक होते हैं बारिश वाले कीड़े मकौड़े। नमी और ठंडक पाकर कीड़े मकौड़े पनपने लगते है। जरा सी जगह पाकर घर में अंदर प्रवेश कर जाते है। बारिश के दिनों में घर के कोनो में चींटियां,कॉकरोज,चीटें और मक्खियां आदि कीड़े टहलते नजर आ ही जाते है।
गर्मियों में बारिश भले ही गर्मी से राहत दे देती है। लेकिन अपने साथ ही कई और मुसिबतों को अपने साथ लेकर आती है। उनमें से एक होते हैं बारिश वाले कीड़े मकौड़े। नमी और ठंडक पाकर कीड़े मकौड़े पनपने लगते है। जरा सी जगह पाकर घर में अंदर प्रवेश कर जाते है। बारिश के दिनों में घर के कोनो में चींटियां,कॉकरोज,चीटें और मक्खियां आदि कीड़े टहलते नजर आ ही जाते है।
इससे बचने के लिए तो सबसे पहले बारिश के दिनों में खास साफ सफाई का ध्यान रखें। बाथरुम और सिंक व बेसिन के आस पास कीटनाशक या फिनायल आदि का डेली इस्तेमाल करें। घर में कहीं भी पानी न जमने दें। बाथरूम, किचन, और बालकनी जैसी जगहों को सूखा और साफ रखें। पानी के जमाव से मच्छर अंडे दे सकते हैं, जिससे डेंगू और मलेरिया जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।
कीटनाशक स्प्रे या पेस्ट कंट्रोल दवाओं का नियमित उपयोग करना कीड़ों को दूर रखने में सहायक होता है। बाजार में कई तरह के कीटनाशक उपलब्ध होते हैं जो कीड़ों को मारने और दूर रखने में इ होते हैं। इनका उपयोग करते समय यह ध्यान रखें कि इन्हें बच्चों और पालतू जानवरों की पहुंच से दूर रखें।
कीड़े अक्सर दरवाजों और खिड़कियों के रास्ते घर में एंट्री लेते हैं। इसलिए खिड़कियों और दरवाजों पर जाली लगवाएं, ताकि कीड़े आसानी से अंदर न आ सकें। इसके अलावा, दरवाजों और खिड़कियों के किनारे में यदि कोई दरार या छेद हो तो उसे ठीक करवा लें। ये छोटे रास्ते भी कीड़ों के घर में आने का कारण बन सकते हैं।