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Electoral Bonds : SBI ने चुनावी बॉन्ड्स से जुड़ी जानकारी चुनाव आयोग को भेजी

सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सख्ती के बाद आखिरकार मंगलवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) चुनावी बॉन्ड्स (Electoral Bonds) से जुड़ी जानकारी चुनाव आयोग (Election Commission) को भेज दी है। सूत्र बतातें हैं कि जानकारी बुनियादी आंकड़ों के रूप में है।

By संतोष सिंह 
Updated Date

नई दिल्ली।  सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) की सख्ती के बाद आखिरकार मंगलवार को स्टेट बैंक ऑफ इंडिया (SBI) चुनावी बॉन्ड्स (Electoral Bonds) से जुड़ी जानकारी चुनाव आयोग (Election Commission) को भेज दी है। सूत्र बतातें हैं कि जानकारी बुनियादी आंकड़ों के रूप में है। कोर्ट के आदेश के अनुसार चुनाव आयोग को एसबीआई (SBI)  की ओर मिली जानकारी 15 मार्च शाम 5 बजे तक अपने पोर्टल पर सार्वजनिक कर देगा।

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सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) बीते दिन भारतीय स्टेट बैंक (SBI) को बड़ा झटका देते हुए चुनावी बॉन्ड्स (Electoral Bonds)  संबंधी जानकारी का खुलासा करने के लिए समयसीमा को बढ़ाने की मांग करने वाली याचिका खारिज कर दी थी। साथ ही कोर्ट ने आदेश दिया था कि एसबीआई 12 मार्च को कामकाजी घंटे खत्म होने तक चुनावी बॉन्ड्स (Electoral Bonds) की पूरी जानकारी चुनाव आयोग (Election Commission) को दे। इसके बाद एसबीआई (SBI)  ने मंगलवार शाम साढ़े पांच बजे तक पूरा डेटा निर्वाचन आयोग (Election Commission)  को भेज दिया।

सीजेआई डी वाई चंद्रचूड़ (CJI DY Chandrachud) की अगुवाई वाली पांच न्यायाधीशों की संविधान पीठ ने चुनाव आयोग को भी एसबीआई द्वारा साझा की गई जानकारी 15 मार्च को शाम पांच बजे तक अपनी आधिकारिक वेबसाइट पर प्रकाशित करने का निर्देश दिया था। अब एसबीआई(SBI)  द्वारा डेटा भेजे जाने के बाद चुनाव आयोग (Election Commission)   को यह 15 मार्च तक अपनी वेबसाइट पर पब्लिश करना होगा। सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में हुई सुनवाई में न्यायमूर्ति संजीव खन्ना, न्यायमूर्ति बी.आर. गवई, न्यायमूर्ति जे.बी. पारदीवाला और न्यायमूर्ति मनोज मिश्रा भी शामिल रहे। बेंच ने एसबीआई (SBI) को नोटिस देते हुए कहा कि यदि बैंक उसके निर्देशों और समयसीमा का पालन करने में विफल रहता है तो सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) अपने 15 फरवरी के फैसले की जानबूझकर अवज्ञा करने के लिए उसके खिलाफ कार्रवाई कर सकती है।

चुनावी बॉन्ड की योजना को कोर्ट ने किया था रद्द

पांच सदस्यीय संविधान पीठ ने 15 फरवरी को एक ऐतिहासिक फैसला सुनाते हुए केंद्र की चुनावी बॉण्ड योजना (Electoral Bond Scheme) को रद्द कर दिया था और इसे असंवैधानिक करार देते हुए निर्वाचन आयोग (Election Commission)  को चंदा देने वालों, चंदे के रूप में दी गई राशि और चंदा प्राप्तकर्ताओं का 13 मार्च तक खुलासा करने का आदेश दिया था। लोकसभा चुनाव से पहले आए इस फैसले में न्यायालय ने चुनावी बॉण्ड योजना को तत्काल बंद करने तथा इस योजना के लिए अधिकृत वित्तीय संस्थान (SBI) को 12 अप्रैल, 2019 से अब तक खरीदे गए चुनावी बॉण्ड का विस्तृत ब्योरा छह मार्च तक निर्वाचन आयोग को सौंपने का निर्देश दिया था।

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एसबीआई ने किया था समय सीमा को बढ़ाने का अनुरोध

कोर्ट ने सोमवार को एसबीआई (SBI)  की उस याचिका पर सुनवाई की थी, जिसमें राजनीतिक दलों द्वारा भुनाए गए प्रत्येक चुनावी बॉन्ड्स (Electoral Bonds) के विवरण का खुलासा करने के लिए समय-सीमा 30 जून तक बढ़ाए जाने का अनुरोध किया गया था। पीठ ने एक अन्य याचिका पर भी सुनवाई की जिसमें एसबीआई (SBI)  के खिलाफ अवमानना ​​कार्यवाही शुरू करने का अनुरोध किया गया है। पीठ ने कहा कि अर्जी में एसबीआई (SBI)  की दलीलों से पर्याप्त संकेत मिलता है कि न्यायालय ने जिस जानकारी का खुलासा करने का निर्देश दिया था वह आसानी से उपलब्ध है। उसने कहा कि उपरोक्त चर्चा के मद्देनजर, 30 जून, 2024 तक चुनावी बॉन्ड्स (Electoral Bonds) की खरीद और उन्हें भुनाए जाने के विवरण को सार्वजनिक करने की समय सीमा बढ़ाने का अनुरोध करने वाली एसबीआई (SBI)   की याचिका खारिज की जाती है।

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