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महराजगंज में चौधरियों में ‘चौधरी’ बनने की लड़ाई,6 बार के सांसद पंकज चौधरी के सामने कांग्रेस की चुनौती

महराजगंज में चौधरियों में 'चौधरी' बनने की लड़ाई,6 बार के सांसद पंकज चौधरी के सामने कांग्रेस की चुनौती

By विजय चौरसिया 
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पर्दाफाश न्यूज़ ब्यूरो महराजगंज: उत्तर प्रदेश के महराजगंज लोकसभा सीट पर इस बार दो चौधरी आमने-सामने हैं। दोनों ही अपनी चौधराहट बरकरार रखने की जद्दोजहद में जुटे हैं। एक चौधरी हैं वर्तमान सांसद और केंद्रीय वित्त राज्यमंत्री पंकज चौधरी तो दूसरे हैं कांग्रेस विधायक वीरेंद्र चौधरी। अति पिछड़ा बहुल इस सीट पर लड़ाई दोनों चौधरियों की ओर ही घूमती दिख रही है। बीच में बसपा प्रत्याशी मौसमे आलम भी लड़ाई को त्रिकोणीय बनाने की कवायद में जुटे हैं। नेपाल बॉर्डर से सटा महराजगंज जिला काफी पिछड़ा हुआ है। अब वहां विकास की किरणें दिख तो रहीं हैं लेकिन जिले जैसी रौनक अब भी नदारद है। जिला मुख्यालय से ज्यादा नेपाल बॉर्डर का कस्बा नौतनवा, सोनौली ज्यादा गुलजार दिखता है। जंगलों से घिरे इस जिले में कभी तीन चीनी मिलें, किसानों के लिए वरदान होती थीं लेकिन अब बंद पड़ी हैं। हर साल आने वाली बाढ़ भी इस जिले को और पीछे ले जाती रही है।

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आजादी के बाद से यह जिला भी कांग्रेस का गढ़ होता था। महान शिक्षाविद और संविधान सभा के सदस्य शिब्बन लाल सक्सेना भी इसी सीट से कई बार संसद पहुंचे थे। दुनियाभर में प्रसिद्ध शायर फिराक गोरखपुरी के अत्यंत करीबी रिश्तेदार शिब्बन लाल सक्सेना इस जिले की पहचान हुआ करते हैं। 1991 में जब देश में रामलहर चली तो उसी समय गोरखपुर के रहने वाले पंकज चौधरी ने महराजगंज को अपनी कर्मभूमि बनाया। इससे पहले वह गोरखपुर से पार्षद व डिप्टी मेयर रह चुके थे। 1991 में भाजपा के टिकट से सांसद बनने वाले पंकज चौधरी ने इसके बाद महराजगंज को नहीं छोड़ा और यहीं के होकर रह गए। वह सातवीं बार सांसद बनने के लिए चुनाव मैदान में आए हैं। भाजपा ने फिर पंकज पर दांव लगाया है।

गठबंधन के प्रत्याशी के तौर पर फरेंदा से कांग्रेस के विधायक वीरेंद्र चौधरी पर दांव लगाया गया है। वीरेंद्र चौधरी, यूपी में कांग्रेस के दो विधायकों में से एक हैं। पंकज और वीरेंद्र दोनों ही कुर्मी बिरादरी से आते हैं और उनकी अपनी बिरादरी में अच्छी पकड़ है। महराजगंज में अति पिछड़ों की संख्या अधिक है, जिनमें कुर्मी सबसे ज्यादा हैं। इसके बाद दलितों की तादाद है। ब्राह्मण मतदाता भी ज्यादा हैं। मुस्लिम मतदाता भी हैं लेकिन बिखराव के कारण उनका मत निर्णायक नहीं हो पाता है। दलितों व मुसलमानों की संख्या को जोड़ दिया जाए तो एक बड़ी ताकत उभरकर सामने आती है। शायद इसीलिए बसपा ने मोहम्मद मौसमे आलम पर दांव खेला है।

मोदी ने तवज्जो देकर बढ़ाया पंकज का कद

महराजगंज के सांसद पंकज चौधरी को पिछले मंत्रिमंडल विस्तार में मोदी सरकार ने जगह दी और उन्हें वित्त राज्यमंत्री बनाया गया। वित्त राज्यमंत्री बनाए जाने के बाद भले ही पंकज का कद न बढ़ा हो मगर गीता प्रेस के शताब्दी समारोह में शिरकत के लिए आए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने बिना कार्यक्रम और प्रोटोकॉल को तोड़कर पंकज के घर जाकर उनका कद जरूर बढ़ा दिया। पंकज के घर जाने के लिए मोदी को सकरी गलियों से पैदल जाना पड़ा। मोदी की इस तवज्जो ने पूर्वी उत्तर प्रदेश में पंकज का कद बढ़ा दिया और कुर्मी बिरादरी में उनकी पकड़ और मजबूत हो गई।

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2019 के चुनाव नतीजे

पंकज चौधरी भाजपा 7,26,349

अखिलेश सिंह सपा 3,85,925

सुप्रिया श्रीनेत कांग्रेस 72,516

कुल वोटर : 19.88 लाख

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पुरुष : 10.47 लाख

महिला : 9,41 लाख

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