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Hindu New Year 2024:  हिंदू नववर्ष 2024 कब है ? जानिए तिथि और महत्व

गोरियन कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को दुनिया भर में नया साल मनाया जाता है, लेकिन सनातन धर्म में चैत्र महीने की प्रतिपदा को नववर्ष मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।

By अनूप कुमार 
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Hindu New Year 2024 : गोरियन कैलेंडर के अनुसार 1 जनवरी को दुनिया भर में नया साल मनाया जाता है, लेकिन सनातन धर्म में चैत्र महीने की प्रतिपदा को नववर्ष मनाने की परंपरा सदियों से चली आ रही है।  ब्रह्म पुराण के अनुसार चैत्र शुक्ल प्रतिपदा को ही सृष्टि का निर्माण हुआ था। अथर्ववेद में भी इस बात का संकेत मिलता है। इस वर्ष चैत्र शुक्ल प्रतिपदा की शुरुआत 8 अप्रैल 2024 को रात्रि 11 बजकर 50 मिनट और 44 सेकंड से होगी।

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देवी दुर्गा, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा
देश के हर राज्य और क्षेत्र चैत्र माह में नए साल को अलग-अलग नाम और परंपराओं के साथ मनाते हैं। उत्तर भारत में लोग बैसाखी का त्यौहार मनाकर नये साल का स्वागत करते हैं। दक्षिण भारत में लोग नए साल को उगादी या पुथंडु के रूप में मनाएंगे। महाराष्ट्र इसे गुड़ी पड़वा के रूप में मनाएगा और ओडिशा के लोग इस शुभ दिन को महा विशुभ संक्रांत के रूप में मनाएंगे  लोग इन दिनों के दौरान देवी दुर्गा, देवी लक्ष्मी और भगवान कुबेर की पूजा करते हैं। नए साल का जश्न मनाते समय हर राज्य अपने-अपने रीति-रिवाज और परंपरा का पालन करता है।

सर्वार्थ सिद्धि योग
वैदिक पंचांग के अनुसार 9 अप्रैल को मंगलवार के दिन नए हिंदू नव वर्ष की शुरुआत हो रही है। चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि का शुभारंभ 8 अप्रैल रात्रि 11:52 पर होगा और 9 अप्रैल को रात 8:33 पर समाप्त हो जाएगा इसलिए उदय तिथि के मुताबिक नए संवत्सर मंगलवार 9 अप्रैल को शुरू होगा और इस दिन सर्वार्थ सिद्धि योग और अमृत सिद्धि योग नामक दो बेहद शुभ योग रहने वाले हैं।

इस विक्रम संवत के स्वामी मंगल होंगे
मंगलवार के दिन नए विक्रम संवत की शुरुआत हो रही है इसलिए इस विक्रम संवत के स्वामी मंगल होंगे। राजा मंगल और शनि मंत्री होने की वजह से यह वर्ष काफी उथल-पुथल वाला रहेगा और शासन में कड़ा अनुशासन देखने को मिलेगा। साथ ही देश दुनिया में ऐसी कई घटनाएं हो सकती है, जिससे सभी सरप्राइज और हैरान हो सकते हैं। नए विक्रम संवत 2081 का नाम क्रोधी रहेगा। पंचांग भेद से इसका नाम कालयुक्त है।

चैत्र नवरात्रि पर्व
हिंदू नव वर्ष की विशेषता यह भी है कि वर्ष के पहले दिन चैत्र नवरात्रि पर्व शुरू हो जाता है। इस बार तो सूर्य ग्रहण भी एक दिन पहले लग चुका होगा और सूर्य ग्रहण के अगले दिन ही नया विक्रमी संवत शुरू हो रहा है।

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