शादी सिर्फ सात जन्मों का ही नहीं बल्कि प्यार, विश्वास और केयर का रिश्ता होता है। अगर आपकी अरेंज मैरिज हुई है तो मन में कई तरह के सवाल होते है। लेकिन रिश्ते में जल्दबाजी करना सही नहीं होता थोड़ा समय खुद को औऱ अपने पार्टनर को दें।
शादी सिर्फ सात जन्मों का ही नहीं बल्कि प्यार, विश्वास और केयर का रिश्ता होता है। अगर आपकी अरेंज मैरिज हुई है तो मन में कई तरह के सवाल होते है। लेकिन रिश्ते में जल्दबाजी करना सही नहीं होता थोड़ा समय खुद को औऱ अपने पार्टनर को दें।
साथ ही नई नई शादी में एक दुसरे के ऊपर बहुत अधिक एक्सपेक्टेशन न रखें। क्योंकि अधिक उम्मीदों की वजह से पार्टनर में मन मुटाव होना शुरु हो जाता है। शुरुआती दिनों में ये चीजें नजर नहीं आती लेकिन समय बीतते ये अनबन और तनाव में बदल जाता है।
अगर आपकी नई नई शादी हुई है तो शुरुआती दिनों में अपने पार्टनर से बातचीत करें। आपके मन में क्या है, क्या पसंद है और क्या चाहती हैं खुलकर बात करें। बिना कहे समझने वाली उम्मीद न करें। कई बार बात करके चीजें बहुत आसान हो जाती है।
बात करते समय सिर्फ खुद ही न बोले सामने वाले को भी मौका दें। कई पार्टनर होते है जो आपस में खुलकर बात नहीं करते। ध्यान रहे अपनी बात कहने के साथ साथ सामने वाले की सुनें। वह क्या कहना चाह रहा है, वह भी समझे।बातें दोनो तरफ से होनी चाहिए।
जब आप किसी के साथ चौबीस घंटे रहते है, तो किसी न किसी बात पर असहमति हो जाती है। कभी कभी असहमति आपसी मनमुटाव का कारण बन सकती है। यहां तक कि कई बार एक छोटी सी बात किसी बड़ी समस्या का रुप ले लेती है। जो भी हो बात करें, चर्चा करें समस्या का समाधान निकालें। इस तरह कोई भी बात बिगड़ेगी नहीं और नया शादीशुदा जीवन सुनहरा बीतेगा।