IITian Baba Abhay Singh: महाकुंभ में पहुंचे कई साधू-संत इन दिनों मीडिया में छाए हुए हैं। जिनमें एक आईआईटी वाले बाबा के नाम से मशहूर अभय सिंह है। जिनके व्यक्तिगत जीवन और उनके आध्यात्मिक जवान चुनने को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं। इस बीच शुक्रवार को खबर आयी की बाबा ने महाकुंभ छोड़ दिया है। हालांकि, देर शाम बाबा ने इन दावों का खंडन भी कर दिया।
IITian Baba Abhay Singh: महाकुंभ में पहुंचे कई साधू-संत इन दिनों मीडिया में छाए हुए हैं। जिनमें एक आईआईटी वाले बाबा के नाम से मशहूर अभय सिंह है। जिनके व्यक्तिगत जीवन और उनके आध्यात्मिक जवान चुनने को लेकर कई दावे किए जा रहे हैं। इस बीच शुक्रवार को खबर आयी की बाबा ने महाकुंभ छोड़ दिया है। हालांकि, देर शाम बाबा ने इन दावों का खंडन भी कर दिया।
दरअसल, कई मीडिया रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बाबा अभय सिंह महाकुंभ मेले में जूना अखाड़े के 16 मड़ी आश्रम से अचानक किसी अज्ञात स्थान पर चले गए हैं। लेकिन, शुक्रवार देर रात एक निजी न्यूज चैनल के माध्यम से बाबा ने इन दावों का खंडन कर दिया। रिपोर्ट्स के अनुसार, बाबा ने आश्रम के साधुओं पर उनके बारे में अफवाह फैलाने का आरोप भी लगाया है।
निजी न्यूज चैनल बातचीत में आईआईटी वाले बाबा ने कहा, “अरे उन्होंने गलत खबर फैला दी मेरे बारे में। उन्होंने (मड़ी आश्रम के संचालकों ने) रात को मुझे वहां से जाने के लिए बोल दिया था। अब उनको लगा ये फेमस हो गया है। इसे कुछ पता चलेगा तो हमारे खिलाफ जाएगा, तो उन्होंने कुछ भी बोल दिया कि मैं वहां से गुप्त साधना में चला गया हूं। वे लोग वैसे ही बकवास कर रहे हैं।”
अपनी मानसिक स्थिति पर सवाल उठाने पर उन्होंने कहा, “मैं मन को समझा रहा हूं, मन क्या होता है। आप मेरी मानसिक स्थिति को एनालाइज कर रहे हो। वेरी गुड। वो कौन सा मनोवैज्ञानिक है, जो मेरे से ज्यादा जानकारी रखता है। क्यों टैग दे रहा है मुझको। उसको मेरे से ज्यादा जानकारी होनी चाहिए न, मुझे सर्टिफिकेट देने के लिए।” साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि उनका कोई गुरु नहीं है।
बता दें कि कुछ रिपोर्ट्स में दावा किया गया कि बीती रात जूना अखाड़े के 16 मड़ी आश्रम में बाबा अभय सिंह के माता-पिता उन्हें ढूंढते हुए पहुंचे थे। लेकिन तब तक बाबा आश्रम छोड़ चुके थे। हालांकि, माता-पिता के आश्रम पहुंचने की पुष्टि नहीं हो सकी है। वहीं, आश्रम में मौजूद दूसरे साधुओं ने दावा किया कि अभय सिंह लगातार इंटरव्यू दे रहे थे, इसका असर उनके दिमाग पर पड़ रहा था। उन्होंने मीडिया से कुछ ऐसी बातें भी कहीं जो उचित नहीं थीं।
साधुओं के अनुसार, अभय को जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर अवधेशानंद गिरी के पास भी ले जाया गया था। उनकी मानसिक स्थिति देखकर जूना अखाड़े ने फैसला लिया कि उन्हें आश्रम छोड़ देना चाहिए और इसके बाद देर रात अभय आश्रम से चले गए।