देश के मुख्य विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी (Former Supreme Court judge B. Sudarshan Reddy) को विपक्ष ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
नई दिल्ली। देश के मुख्य विपक्षी गठबंधन INDIA ब्लॉक ने मंगलवार को उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के नाम का ऐलान कर दिया है। सुप्रीम कोर्ट के पूर्व जज बी. सुदर्शन रेड्डी (Former Supreme Court judge B. Sudarshan Reddy) को विपक्ष ने अपना उम्मीदवार बनाया है।
न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी हमारे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे : कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे
कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे (Congress President Mallikarjun Kharge) ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के पूर्व न्यायाधीश, न्यायमूर्ति बी. सुदर्शन रेड्डी हमारे उपराष्ट्रपति पद के उम्मीदवार होंगे। हम सभी जानते हैं कि उन्होंने गरीबों के लिए कैसे काम किया और संविधान की रक्षा की। यह एक वैचारिक लड़ाई है, और सभी विपक्षी दल इस पर सहमत हैं, इसीलिए हम चुनाव लड़ रहे हैं। हमने मिलकर उपराष्ट्रपति चुनाव के लिए एक साझा उम्मीदवार उतारने का फैसला किया है, और मुझे खुशी है कि सभी एक नाम पर सहमत हुए, यह लोकतंत्र के लिए एक बड़ा क्षण है।
21 अगस्त को होगा नामांकन
मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि, वे 21 अगस्त को नामांकन करेंगे। कल सभी विपक्षी दलों के सांसदों की बैठक एक बजे सेंट्रल हॉल में हो होगी। इस बैठक में कई अहम फैसलों पर चर्चा हो सकती है।
जानें कौन हैं सुदर्शन रेड्डी, जिन्हें विपक्ष ने बनाया उपराष्ट्रपति पद का उम्मीदवार?
सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) के जज बी सुदर्शन रेड्डी का जन्म 8 जुलाई, 1946 को हुआ था। रेड्डी का जन्म भारतीय राज्य आंध्र प्रदेश के रंगा रेड्डी ज़िले के तत्कालीन इब्राहिमपट्टनम तालुका के अकुला मायलाराम गाँव में एक कृषक परिवार में हुआ था। उन्होंने हैदराबाद में बीए की शिक्षा प्राप्त की और 1971 में उस्मानिया विश्वविद्यालय से क़ानून की डिग्री प्राप्त की। 27 दिसंबर, 1971 को वे हैदराबाद में आंध्र प्रदेश बार काउंसिल में अधिवक्ता के रूप में पंजीकृत हुए। उन्होंने आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय में रिट और सिविल मामलों में प्रेक्टिस की है। उन्होंने 1988-90 के दौरान उच्च न्यायालय में सरकारी वकील के रूप में काम किया। उन्होंने 1990 के दौरान 6 महीने की अवधि के लिए केंद्र सरकार के अतिरिक्त स्थायी वकील के रूप में भी काम किया।
उन्होंने उस्मानिया विश्वविद्यालय के लिए कानूनी सलाहकार और स्थायी वकील के रूप में काम किया। उन्हें 2 मई, 1995 को आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय का स्थायी न्यायाधीश नियुक्त किया गया। उन्हें पांच दिसंबर 2005 को गुवाहाटी उच्च न्यायालय का मुख्य न्यायाधीश नियुक्त किया गया। न्यायमूर्ति रेड्डी को 12 जनवरी 2007 को भारत के सर्वोच्च न्यायालय के अतिरिक्त न्यायाधीश के पद पर पदोन्नत किया गया और 8 जुलाई 2011 को इस पद से सेवानिवृत्त हुए। उन्होंने मार्च 2013 में पहले गोवा लोकायुक्त के रूप में पदभार ग्रहण किया।