आगामी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आनलाइन मनाए जाने की तैयारियां देश में तेजी से चल रही हैं। इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं शीतली प्राणायाम के बारे में। शीतली प्राणायाम के नाम से ही स्पष्ट है कि ये गर्मी को शांत करता है। इसके साथ ही हमारी शरीर को शीतलता प्रदान करता है।
नई दिल्ली। आगामी 21 जून को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस आनलाइन मनाए जाने की तैयारियां देश में तेजी से चल रही हैं। इस मौके पर हम आपको बताने जा रहे हैं शीतली प्राणायाम के बारे में। शीतली प्राणायाम के नाम से ही स्पष्ट है कि ये गर्मी को शांत करता है। इसके साथ ही हमारी शरीर को शीतलता प्रदान करता है।
इस प्राणायाम को करने से आपका दिमाग तनावमुक्त होता है। सिर में अच्छे से ऑक्सीजन का प्रवाह होता है, जिससे मूड अच्छा होता है। सिरदर्द की समस्या दूर होती है। इसके अलावा शीतली प्राणायाम आपके दिल को दुरुस्त करता है। साथ ही हाई ब्लड प्रेशर को नियंत्रित करता है। पाचन से जुड़ी समस्याएं जैसे गैस, अपच, एसिडिटी के अलावा पेट के अल्सर में भी राहत देता है।
जानें इस प्राणायाम को करने का सही तरीका
सबसे पहले जमीन पर एक आसन बिछाकर सुखासन, वज्रासन या पद्मासन में बैठ जाएं। अपनी पीठ को सीधा रखें। अब अपनी जीभ को बाहर निकालें और दोनों साइड से मोड़कर इसे नली जैसा आकार दें।अब उस नली के सहारे लंबी सांस खींचकर पेट तक ले जाएं और मुंह को बंद कर लें। कुछ देर सांस को रोकें। फिर नाक के सहारे बाहर छोड़ दें। लेकिन ध्यान रहे कि छोड़ते समय आपको सांस को धीरे धीरे और देर तक छोड़ना है। सांस छोड़ने का समय सांस लेने की तुलना में ज्यादा लंबा होना चाहिए और छोड़ते समय पेट अंदर की ओर जाना चाहिए। इस क्रम को एक बार में कम से कम 10 और ज्यादा से ज्यादा 50 बार तक कर सकते हैं।
ये बातें रखें विशेष ध्यान
1- इस प्राणायाम को वैसे तो कभी भी कर सकते हैं, लेकिन खाना खाने के तुरंत बाद करने से परहेज करें। खाने के दो घंटे बाद किया जा सकता है। वैसे सबसे अच्छा समय सुबह और शाम का है।
2- अगर आप इसे खुले स्थान पर ताजी हवा के बीच करेंगे तो ये ज्यादा लाभकारी साबित होगा।
3- यदि आप अस्थमा के मरीज हैं या सांस की कोई गंभीर बीमारी है। इसके अलावा आपका बीपी लो रहता है तो इसे डॉक्टर की सलाह के बगैर कभी न करें।