IND vs SA ODI: टेस्ट में 0-2 से क्लीन स्वीप के बाद भारतीय टीम की कोशिश वनडे सीरीज अपने नाम करके हिसाब बराबर करने की है, लेकिन पिछले दो मैचों में मेजबान टीम गेंदबाजों का जैसा प्रदर्शन रहा है, उससे 350+ के स्कोर भी कम लगने लगे हैं। खास तौर तेज गेंदबाजी विभाग में अनुभव की कमी साफ दिखाई पड़ती है। ऐसे में सवाल उठते हैं कि साउथ अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के खिलाफ किसी भी अनुभव वाले गेंदबाज को टीम शामिल क्यों नहीं किया गया?
IND vs SA ODI: टेस्ट में 0-2 से क्लीन स्वीप के बाद भारतीय टीम की कोशिश वनडे सीरीज अपने नाम करके हिसाब बराबर करने की है, लेकिन पिछले दो मैचों में मेजबान टीम गेंदबाजों का जैसा प्रदर्शन रहा है, उससे 350+ के स्कोर भी कम लगने लगे हैं। खास तौर तेज गेंदबाजी विभाग में अनुभव की कमी साफ दिखाई पड़ती है। ऐसे में सवाल उठते हैं कि साउथ अफ्रीका जैसी मजबूत टीम के खिलाफ किसी भी अनुभव वाले गेंदबाज को टीम शामिल क्यों नहीं किया गया?
टेस्ट सीरीज में जसप्रीत बुमराह और मोहम्मद सिराज जैसे अनुभव वाले गेंदबाजों को शामिल किया गया, लेकिन टीम के स्टार तेज गेंदबाज मोहम्मद शमी को मौका नहीं दिया गया। इसके बाद वनडे सीरीज में बुमराह और सिराज को शामिल ही नहीं किया गया। जबकि शमी के बारे सिलेक्टर्स ने सोच भी नहीं। हालांकि, इस तेज गेंदबाज को इग्नोर करने का कोई बड़ा कारण नजर नहीं आता। वहीं, हर्षित राणा और प्रसिद्ध कृष्णा जैसे गेंदबाजों को बार मौके दिये जा रहे हैं। जिनको अब अंतरराष्ट्रीय क्रिकेट खेलने का अनुभव भी नहीं है। हर्षित ने अब तक फिर 10 वनडे मैच खेलकर 23.35 की औसत से 20 विकेट लिए हैं और प्रसिद्ध ने 20 मैच 28.09 की औसत से 33 विकेट ही चटकाए हैं।
मोहम्मद शमी के अनुभव की बात करें तो 107 पारियों में 24.05 की औसत से 206 विकेट लिए हैं। 2023 के वनडे वर्ल्ड कप में शमी के शानदार प्रदर्शन को अनदेखा नहीं किया जा सकता। उनकी धारदार गेंदबाजी के बदौलत ही भारत फाइनल तक पहुंच पाया था। लेकिन, चीफ सिलेक्टर अजित अगरकर और कोच गौतम गंभीर द्वारा उन्हे बार-बार इग्नोर करके युवा तेज गेंदबाजों को मौका देना कई बड़े सवाल खड़े करता है। अब यह देखना दिलचस्प होगा कि टीम मैनेजमेंट पिछली गलतियों से सबक लेता है या नहीं?